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Ayodhya Case: फैसले से मुस्लिम धर्म गुरुओं और भाजपा-RSS ने बनाई रणनीति, जानें क्‍या कहा

Ayodhya Case फैसले से पहले देश में शांति और अमन मंगलवार को केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर बैठक हुई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 05 Nov 2019 04:02 PM (IST)Updated: Tue, 05 Nov 2019 07:44 PM (IST)
Ayodhya Case: फैसले से मुस्लिम धर्म गुरुओं और भाजपा-RSS ने बनाई रणनीति, जानें क्‍या कहा
Ayodhya Case: फैसले से मुस्लिम धर्म गुरुओं और भाजपा-RSS ने बनाई रणनीति, जानें क्‍या कहा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अयोध्या के बड़े और बहुप्रतीक्षित फैसले से पहले सामाजिक सदभाव की कवायद भी जोर पकड़ने लगी है। मंगलवार को भाजपा, संघ और मुस्लिम नेताओं की बैठक में हर किसी ने दोहराया कि फैसले को न्यायिक निर्णय के तौर पर लिया जाए और सक्रिय कोशिश हो कि पूरा देश उसे उसी रूप में ले। कोई भी न तो जीत का जश्न मनाए और न ही हार का हाहाकार करे। माना जा रहा है कि अगले दो तीन दिनों में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ भी बैठक होगी।

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नकवी के घर हुई बड़ी बैठक

तीन दिन पहले संघ और भाजपा नेताओं की एक बैठक हुई थी और उसमें तय हुआ था कि मुस्लिम संप्रदाय के बड़े धर्मगुरुओं और अहम लोगों के साथ बैठक कर अयोध्या फैसले के बाद की स्थिति पर चर्चा की जाए। इसी क्रम में मंगलवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर बैठक हुई जिसमें संघ के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख रामलाल, भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन के साथ साथ जमीयत उलेमा ए हिंद के महमूद मदनी, शिया धर्मगुरू कल्बे जव्वाद, अंजुमन अजमेर ए शरीफ के सय्यद मोईनुद्दीन चिश्ती समेत मुस्लिम संप्रदाय के सभी मसलख से आने वाले धर्मगुरू व लगभग दो दर्जन मुस्लिम विद्वान, पूर्व जस्टिस व अन्य क्षेत्रों से आने वाले व्यक्ति मौजूद थे।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को धैर्य से स्‍वीकार करें

कृष्णगोपाल और रामलाल ने संवाद पर बल दिया तो नकवी ने कहा कि बातचीत आमने-सामने होनी चाहिए। मोदी सरकार भेदभाव और तुष्टीकरण को दूर कर सशक्तिकरण कर रही है। सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या पर फैसला आने वाला है और समाज में ऐसे लोग है जो भ्रम फैला कर आग भड़काते हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जो भी फैसला आता है उस पर हममें से किसी को भी न तो जश्न मनाना चाहिए और न ही हाहाकार करना चाहिए।

सबसे ऊपर है देश

शाहनवाज ने याद दिलाया कि देश सबसे ऊपर है और हर देशवासी का कर्तव्य है कि वह किसी भी स्थिति में ऐसी सोच को पैदा न होने दे जिससे देश और समाज कमजोर होता है। देश की एकता हर हालत में सबसे ऊपर होनी चाहिए। शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद कल्बे जवाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो भी फैसला सुनाया, हम सभी को उसका सम्मान करना चाहिए। हम सभी से अपील करेंगे कि शांति बनाए रखें।

अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद के अध्यक्ष सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि हर कोई इस बात पर एकमत था कि सभी धर्मों के लोगों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। हम सभी दरगाहों को लोगों को दिशा-निर्देश देंगे कि वे अफवाहों और गलत खबरों पर विश्वास न करें। बताते हैं कि वहां मौजूद एक दो नेताओ ने परोक्ष रूप से कुछ लोगों के बयानों पर सवाल जरूर उठाए लेकिन एक सुर से इस पर सहमति बनी कि कोर्ट के फैसले को धैर्य के साथ स्वीकार किया जाए।

भावनात्मक और भड़काऊ बयान देने से बचने की नसीहत

इससे पहले अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले भाजपा ने सोमवार को पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रवक्ताओं से राम मंदिर मामले में भावनात्मक और भड़काऊ बयान देने से बचने की नसीहत दी थी। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)ने भी कुछ दिन पहले अपने प्रचारकों को ऐसा ही परामर्श जारी किया था।

संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने हाल में कहा था कि राम मंदिर फैसला पक्ष में आने पर भी विजय उत्सव नहीं मनाया जाए और न ही जुलूस नहीं निकाले जाएं। सूत्रों के अनुसार भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने पार्टी प्रवक्ताओं, देशभर के मीडिया और सोशल मीडिया विभागों की बैठक में उनसे राम मंदिर के मुद्दे पर अनावश्यक बयान देने से बचने को कहा।


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