मीनाक्षी लेखी की विवादास्पद टिप्पणी पर कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान भड़के, कही यह बात
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि वे किसान नहीं हैं। इसका संज्ञान भी लेना चाहिए ये आपराधिक गतिविधियां हैं जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था आपराधिक गतिविधियां थी उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया।
नई दिल्ली, एएनआइ। कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि वे किसान नहीं हैं। इसका संज्ञान भी लेना चाहिए, ये आपराधिक गतिविधियां हैं, जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था, आपराधिक गतिविधियां थी, उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया। उन्होंने तर्क दिया कि इस प्रदर्शन की आड़ में कुछ बिचौलियों की मदद की जा रही है। मीनाक्षी लेखी ने कहा कि किसान आंदोलन की आड़ में पॉलिटिकल एजेंडे को धार दी जा रही है और सिर्फ एक नेरेटिव को आगे बढ़ाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से फिर बातचीत के जरिए समाधान निकालने पर जोर दिया है। उनकी तरफ से कहा गया है कि सरकार बातचीत करने के लिए तैयार हैं।
ज्ञात हो कि दिल्ली सरकार और पुलिस से अनुमति मिलने के बावजूद गुरुवार को जंतर मंतर पर तीन कृषि कानूनों को रद करने के लिए किसानों किसानों का प्रदर्शन हो रहा है। 200 किसानों में संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के साथ भाकियू नेता राकेश टिकैत भी शामिल हैं।
They are not farmers, they are hooligans... These are criminal acts. What happened on January 26 was also shameful criminals activities. Opposition promoted such activities: Union Minister Meenakshi Lekhi on alleged attack on a media person at 'Farmers' Parliament' today pic.twitter.com/72OARBh1n0— ANI (@ANI) July 22, 2021
किसान संसद में लाएंगे प्रस्ताव
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान के बारे में ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। किसान देश का अन्नदाता है। शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने का ये भी एक तरीका है। जब तक संसद चलेगी, हम यहां आते रहेंगे। सरकार चाहेगी तो बातचीत शुरू हो जाएगी।
Hooligans are the ones who have nothing. It is wrong to make such remarks for farmers. We are farmers, not hooligans. Farmers are 'anndatas' of the land: Rakesh Tikait, BKU leader, on Mos MEA Meenakashi Lekhi's comment pic.twitter.com/ywMVap5jg7— ANI (@ANI) July 22, 2021
किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि ऐसी टिप्पणी भारत के 80 करोड़ किसानों का अपमान है। अगर हम गुंडे हैं तो मीनाक्षी लेखी जी को हमारे द्वारा उगाए गए अनाज को खाना बंद कर देना चाहिए। उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए। हमने उनके बयान की निंदा करते हुए 'किसान संसद' में एक प्रस्ताव पारित किया है।
पेगासस विवाद को बताया फेक
पेगासस के जरिए जासूसी विवाद पर मीनाक्षी लेखी ने कहा कि इसके जरिए फेक नेरेटिव बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि ये कहानी एकदम फर्जी है। येलो पेज पर एक लिस्ट बना ली गई है और उसके जरिए संसद को बाधित किया जा रहा है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पहले ही इस लिस्ट से पल्ला झाड़ा लिया है और एनएसओ (NSO) भी इसे बारे में अपनी बात रख चुका है। ऐसे में अब इस विरोध के जरिए सिर्फ भारत को बदनाम किया जा रहा है और लोकतंत्र के तमाम स्तंभो को बर्बाद करने की कवायद हो रही है।