भारत सरकार ने की अमेरिका के लगाए गए प्रतिबंधों से चाबहार बंदरगाह को छूट देने की सराहना
ईरान की मौजूदा स्थिति पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि पूर्व में चाबहार परियोजना के महत्व पर अमेरिका ने समझदारी दिखाई है।
नई दिल्ली, एएनआइ। ईरान की मौजूदा स्थिति पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि पूर्व में चाबहार परियोजना के महत्व पर अमेरिका ने समझदारी दिखाई है। पूरी बात किस तरह का असर डालती है, यह काल्पनिक है, जिसे हमें देखना होगा। लेकिन, हम अमेरिका द्वारा चाबहार बंदरगाह को प्रतिबंधों से छूट देने की सराहना करते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि मौजूदा स्थिति सामान्य हो। हमने कई हितधारकों से बात की है। विदेश मंत्री ने इस मामले से जुड़े लोगों से बात की है। गौरतलब है कि र्इरान द्वारा इराक स्थित अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर रॉकेट हमले करने के बाद से मध्य पूर्व में तनाव काफी बढ़ गया है। इसके बाद अमेरिका ने ईरान पर नए कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का एलान किया है।
MEA: We're closely monitoring the situation. Peace,security & stability in the region is of utmost importance to us.We would like the situation to de-escalate as quickly as possible.We are talking to several stakeholders. EAM has spoken to players in the region. #Iran pic.twitter.com/iYfuCXPyga
— ANI (@ANI) January 9, 2020
15 देश के राजनयिकों ने किया दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर का दौरा
विदेश मंत्रालय का कहना है कि विदेशी राजनयिक 2 दिनों के दौरे पर जम्मू कश्मीर को विजिट कर रहे हैं। विदेशी प्रतिनिधिमंडल ने राजनीतिक दलों के नेताओं से भी बातचीत की। उन्होंने सिविल सोसायटी के सदस्यों से मुलाकात की और बातचीत की। 15 देश के राजनयिक इसका हिस्सा हैं। आज इस दौरे का दूसरा दिन है। भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में 15 विदेशी राजनयिकों के दौरे को लेकर सुविधा मुहैया कराई गई है। अमेरिका, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, बांग्लादेश, मालदीव, मोरक्को, फिजी, नॉर्वे, फिलीपींस, अर्जेंटीना, पेरू, नाइजर, नाइजीरिया, टोगो और गुयाना के राजनयिकों का प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर का दौरा कर रहा है।
सुरक्षा अधिकारियों के साथ हुई राजनयिकों की पहली मीटिंग
रवीश कुमार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थितियों को समझने के लिए उनकी पहली मीटिंग सुरक्षा अधिकारियों के साथ हुई। इस दौरे का उद्देश्य सरकार द्वारा वहां स्थितियों को सामान्य बनाने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, वह राजनयिकों को दिखाने के लिए था।
पाकिस्तान को सलाह देने का अधिकार नहीं
ननकाका साहिब की घटना और पाकिस्तान में एक सिख युवक की हत्या पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि जो देश अपने अल्पसंख्यकों का ख्याल नहीं रख सकता, उसे दूसरे देशों को यह बताने की जरूरत नहीं है कि वे ऐसा कैसे करें।