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सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए भारत-चीन सहमत, कूटनीतिक बातचीत में इन मुद्दों पर बनी सहमति

सीमाई मसलों पर भारत और चीन के बीच कूटनीतिक स्‍तर की 16 वीं (16th meeting of WMCC) बैठक में सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया गया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 06:46 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 07:41 PM (IST)
सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए भारत-चीन सहमत, कूटनीतिक बातचीत में इन मुद्दों पर बनी सहमति
सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए भारत-चीन सहमत, कूटनीतिक बातचीत में इन मुद्दों पर बनी सहमति

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सीमाई मसलों पर भारत और चीन के बीच कूटनीतिक स्‍तर की 16 वीं (16th meeting of WMCC) बैठक हुई है। इस बैठक में दोनों ही पक्षों ने आपसी संबंधों की मजबूती के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने की जरूरत पर सहमत दिखे। विदेश मंत्रालय की मानें तो दोनों पक्षों ने सहमति जताई है कि वे तनाव घटाने के लिए एलएसी के पास से सैनिकों की वापसी सुनिश्चित करेंगे। यही नहीं दोनों ही पक्ष गतिरोध का समाधान सुनिश्चित करने के लिए राजनयिक और सैन्य स्तर पर बातचीत बहाल रखने पर सहमत हुए हैं।   

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विदेश मंत्रालय ने बताया कि मौजूदा कूटनीतिक बातचीत में भारत और चीन ने एलएसी पर तनाव घटाने की प्रक्रिया की समीक्षा की। मंत्रालय का कहना है कि सीमा पर शांति बहाली को उठाए जाने वाले जरूरी कदमों पर चर्चा के लिए जल्‍द ही भारत और चीन के सैन्‍य कमांडरों के स्‍तर पर बातचीत होगी। भारत की ओर से संदेश साफ है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सम्मान ही तनाव को खत्म करने की पहली शर्त होगी। वहीं चीन ने भी संकेत दिए हैं कि आपसी बातचीत से हालात को सामान्य किया जा सकता है। 

बीते 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक एवं सैन्य संपर्क लगातार बना हुआ है। भारत और चीन के विदेश मंत्रालय के अधिकारी दोनों देशों की सेनाओं की वापसी की लगातार निगरानी कर रहे हैं। बीते पांच जुलाई 2020 को भी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की अगुआई में सीमा विवाद सुलझाने के लिए विशेष प्रतिनिधि स्तर की बातचीत हुई थी। इसमें सहमति बनी थी कि द्विपक्षीय रिश्तों में समग्र तौर पर सुधार के लिए सीमा पर शांति जरूरी है। 

दोनों ही पक्ष सहमत हैं कि सैनिकों की वापसी पर विशेष प्रतिनिधियों के बीच बनी सहमति को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच कूटनीतिक व सैन्य स्तर पर बातचीत जारी रहेगी। गंभीर तौर पर बातचीत छह जून से शुरू हुई है और एक महीने में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया भी शुरू हुई है। कल विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍त अनुराग श्रीवास्‍तव ने गलवन घाटी पर चीन के दावे को खारिज कर दिया था। उन्‍होंने कहा था कि भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखने को लेकर प्रतिबद्ध है।  


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