NRC रिपोर्ट के बाद मणिपुर सरकार मुस्तैद, एयरपोर्ट पर 29 लोगों से पूछताछ
मणिपुर पुलिस ने गुरुवार को इंफाल इवाई अड्डे पर 29 लोगों की पहचान की है। ये राज्य के स्थायी निवासी नहीं हैं।
मणिपुर [ इंफाल ] । असम में एनआरसी के अंतिम मसौदे के प्रकाशन के बाद मणिपुर ने भी अवैध आप्रवासियों की निगरानी के लिए प्रभावी पहल की है। राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि सरकार ने अवैध आप्रवासियों की निगरानी के लिए अलग-अलग समितियों का गठन किया है। राज्य स्तर की एक समिति के अलावा इसे प्रभावी बनाने के लिए जिले स्तर पर भी निगरानी समितियों का गठन किया गया है। ये समितियां संयुक्त रूप से अवैध आप्रवासियों जांच और सत्यापन करेंगी।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा कि असम की एनआरसी सूची के संबंध में मणिपुर सरकार पड़ोसी राज्यों के संपर्क में है। सरकार अवैध आप्रवासियों के प्रवाह के बारे में पूछताछ कर रही है। उन्होंने कहा कि मणिपुर पुलिस ने गुरुवार को इंफाल इवाई अड्डे पर 29 लोगों की पहचान की है। ये राज्य के स्थायी निवासी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को विश्वसनीय स्रोतों से यह जानकारी मिली थी कि कुछ अवैध आप्रवासी हवाई द्वारा इंफाल आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अवैध आप्रवासियों को रोकने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से सतर्क और मुस्तैद है। इस पर पुलिस की पैनी नजर है। सिंह ने कहा कि इसी के तहत राज्य सरकार ने इंफाल इवाई अड़डे परिसर के अंदर एक चेक प्वाइंट स्थापित किया है।
सक्रिय हुई अरुणाचल प्रदेश सरकार
असम में एनआरसी के अंतिम मसौदे में 40 लाख लोगों को बाहर रखने के बाद पड़ोसी अरुणाचल प्रदेश भी सचेत हो गया है। राज्य सरकार ने जरूरी परमिट के बिना रहने वाले लोगों की पहचान के लिए विभिन्न जिलों में एक अभियान शुरू किया है। परमिट के बिना यहां आने वाले 20 लोगों को भी इटानगर से वापस भेजा गया है। अखिल अरुणाचल प्रदेश छात्र संघ (आप्सू) ने यहां जारी एक बयान में कहा है कि वह गैर-अरुणाचलियों को यहां से भगाने से ऑपरेशन क्लीन ड्राइव शुरू करेगा। आप्सू महासचिव तोबोम दाई ने कहा कि असम में मसौदा से बाहर होने वाले अवैध आप्रवासी अरुणाचल में घुसने का प्रयास कर सकते हैं।
क्या है असम का राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर
असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के दूसरे और अंतिम मसौदे को जारी किया गया है। एनआरसी में शामिल होने के लिए आवेदन किए 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम शामिल हैं। इसमें 40 लाख लोगों के नाम नहीं हैं। असम सरकार का कहना है कि जिनके नाम रजिस्टर में नहीं हैं, उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए एक महीने का समय दिया जाएगा। बता दें कि अभी सिर्फ ड्राफ्ट जारी हुआ है, अंतिम सूची 31 दिसंबर 2018 को आएगी। एनआरसी का पहला मसौदा गत 31 दिसंबर और एक जनवरी को जारी किया गया था, जिसमें 1.9 करोड़ लोगों के नाम थे।