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Jagdeep Dhankhar: राज्यसभा को सुचारू ढंग से चलाना जगदीप धनखड़ के लिए होगी बड़ी चुनौती, 11 अगस्त को संभालेंगे कार्यभार

जगदीप धनखड़ के लिए उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत आसान थी लेकिन उनकी सबसे बड़ी चुनौती राज्यसभा में तनातनी को संभालना होगा। वहीं वर्तमान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है धनखड़ 11 अगस्त को देश के नए उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालेंगे।

By Versha SinghEdited By: Published: Sun, 07 Aug 2022 02:51 PM (IST)Updated: Sun, 07 Aug 2022 02:51 PM (IST)
राज्यसभा को सुचारू ढंग से चलाना जगदीप धनखड़ के लिए होगी बड़ी चुनौती

नई दिल्ली, एजेंसी: उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए (NDA) उम्मीदवार जगदीप धनखड़ 346 वोटों के भारी अंतर से विपक्षी उम्मीदवार मार्गेट अल्वा को हरा कर चुनाव जीत गए हैं। चुनाव परिणाम के अनुसार, उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए पड़े 710 वैध मतों में से जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankar) को 528 सांसदों का समर्थन मिला जबकि विपक्षी उम्मीदवार मार्गेट अल्वा अपने पक्ष में महज 182 सांसदों का समर्थन ही जुटा पाई।

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जाहिर सी बात है कि जगदीप धनखड़ ने आंकड़ों के आधार पर एक बड़ी जीत तो हासिल की है लेकिन शपथ ग्रहण करने के बाद से ही उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती राज्य सभा को सुचारू ढंग से चलाने की होगी। भारतीय संविधान के अनुसार, देश का उपराष्ट्रपति संसद के उच्च सदन, राज्य सभा का पदेन सभापति होता है और बतौर सभापति संसद सत्र के दौरान राज्य सभा की कार्यवाही के संचालन की संपूर्ण जिम्मेदारी उपराष्ट्रपति की ही होती है।

वर्तमान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को पूरा हो रहा है और देश के नए उपराष्ट्रपति के तौर पर जगदीप धनखड़ 11 अगस्त को पदभार संभालेंगे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, संसद के वर्तमान मानसून सत्र का समापन 12 अगस्त को होना है और अगर निर्धारित समय से पहले संसद सत्र का समापन नहीं होता है तो धनखड़, राज्य सभा के सभापति के तौर पर वर्तमान सत्र में ही आखिरी के दो दिनों में उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन कर सकते हैं।

संसद से लेकर सड़क तक चल रही सरकार और विपक्ष की तनातनी को देखते हुए यह माना जाना रहा है कि राज्य सभा के सभापति के तौर पर पहले दो दिनों में ही धनखड़ को इसका अहसास हो जाएगा कि आने वाले दिनों में उन्हे कितनी कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा क्योंकि पूरे देश की निगाहें उन पर बनी रहेगी।

राज्य सभा में विपक्षी सांसदों की कुल संख्या एनडीए से ज्यादा है यानि उच्च सदन में एनडीए के पास अभी भी बहुमत नहीं है। यही वजह है कि लोक सभा के मुकाबले राज्य सभा में विपक्ष ज्यादा आक्रामक अंदाज में सरकार को घेरने की कोशिश करता दिखाई दे रहा है।

संसद के वर्तमान मानसून सत्र के दौरान भी राज्य सभा में विपक्षी दल खाद्य पदार्थों पर लगाए गए जीएसटी, महंगाई और जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के मसले पर लगातार सरकार को घेरने की कोशिश करते नजर आए। पिछले कई सत्रों के दौरान, राज्य सभा में सांसदों का हंगामा, निलंबन, गांधी मूर्ति पर धरना-प्रदर्शन और फिर वापसी जैसा घटनाक्रम हुआ।

देश की उच्च सदन की हालत यह रही कि सदन के अंदर ज्यादातर समय वर्तमान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू सदन की कार्यवाही को सुचारू ढंग से चलाने और हंगामे को रोकने की जद्दोजहद करते नजर आए और अब अगले पांच वर्षों तक धनखड़ को भी इसी चुनौती से जुझना होगा।

सरकार के रणनीतिकारों को भी राज्य सभा में मिलने वाली चुनौती का बखूबी अंदाजा है, इसलिए वो जीत की बधाई देने के साथ-साथ यह उम्मीद भी जाहिर कर रहे हैं कि धनखड़ का लंबा कानूनी, विधायी और सार्वजनिक जीवन का अनुभव सदन को सुचारू रूप से चलाने में देश के बहुत काम आएगा।

राज्य सभा में सदन के नेता एवं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उपराष्ट्रपति पद के लिए चुने जाने पर धनखड़ को बधाई देते हुए कहा, सभापति के रूप में राज्यसभा की कार्यवाही को कुशलता से चलाने और देशहित के मुद्दों पर जनता को लाभ दिलाने में उनका कार्यकाल आदर्श सिद्ध होगा।

वहीं सरकार की तरफ से संसद सत्र के संचालन को लेकर रणनीति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले केंद्रीय संसदीय मंत्री कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने धनखड़ को जीत के लिए बधाई देते हुए कहा कि उनके पास कानूनी, विधायी और सार्वजनिक जीवन का लंबा अनुभव है, जोकि सदन को सुचारु रूप से चलाने में देश के बहुत काम आएगा।

सरकार और विपक्ष के बीच लगातार कटु होते जा रहे संबंधों के बीच धनखड़ को जहां एक तरफ सरकार के विधायी कार्यों को सदन की मंजूरी दिलवानी होगी तो वहीं विपक्षी दलों के साथ भी बेहतर तालमेल और समन्वय स्थापित कर सदन की कार्यवाही का संचालन करना होगा। सदन में कामकाज यानी उत्पादकता की दर को बढ़ाना भी धनखड़ के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा और इसमें वह कितने कामयाब हो पाते हैं यह तो आने वाले संसद सत्रों में ही साफ हो पाएगा।


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