सियासी नफा-नुकसान का आकलन कर गृहयुद्ध के बयान से पलटीं ममता
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी चिंता 40 लाख लोगों की है जिनका नाम एनआरसी की सूची में नहीं है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एनआरसी के सियासी घमासान में गृहयुद्ध की चेतावनी देनेवाली तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी अपने इस बयान से अब पलट गई हैं। माना जा रहा है कि इस टिप्पणी पर भाजपा की आक्रामक सियासी हमले की तैयारी की आशंका को भांपते हुए ममता गृहयुद्ध की बात से मुकरने को विवश हुई हैं।
टीएमसी प्रमुख की गृहयुद्ध संबंधी टिप्पणी पर भाजपा ने जिस तरह का सियासी हमला किया उसके बाद ममता को पश्चिम बंगाल में इसके राजनीतिक नुकसान की आशंका सताने लगी है। इसीलिए दीदी ने दिल्ली में देर शाम बिना देरी किये सफाई दी कि गृहयुद्ध वाली टिप्पणी उन्होंने नहीं की है और वे भाजपा की नौकर नहीं कि उनके हर सवाल का जवाब दें।
उन्होंने कहा कि उनकी चिंता 40 लाख लोगों की है जिनका नाम एनआरसी की सूची में नहीं है। गृहयुद्ध वाले बयान पर अपनी सफाई देने के दौरान दीदी ने यह भी कहा कि भाजपा 2019 में सत्ता में नहीं आ रही और इसीलिए वह राजनीतिक रुप से उग्र है।
पश्चिम बंगाल में गृहयुद्ध वाली टिप्पणी के खिलाफ भाजपा के जवाबी आक्रामक वार के सियासी नफा-नुकसान का आकलन कर दीदी अपनी बात से जरूर पलट गई। मगर हकीकत में दीदी ने दिल्ली आने से पूर्व कोलकाता की प्रेस कांफ्रेंस में और बुधवार को संसद भवन में पत्रकारों से चर्चा के दौरान एनआरसी पर गृहयुद्ध व खून खराबे की आशंका जाहिर की थी।
माना जा रहा है कि कांग्रेस नेताओं ने भी दीदी से हुई अपनी मुलाकात के दौरान एनआरसी पर भाजपा के सियासी दांव से बचने की दीदी को सलाह दी। दरअसल कांग्रेस की चिंता इस बात को लेकर है कि ममता की एनआरसी पर आक्रामकता से भाजपा को इस मुद्दे पर देशव्यापी सियासी ध्रुवीकरण का मौका मिल सकता है। इसीलिए कांग्रेस एनआरसी पर सतर्क और संयम प्रतिक्रिया देते हुए प्रभावित लोगों के साथ मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की बात कह रही है।