ममता बनर्जी ने कहा- मैंने आधी रात में सरकार बनाने की बात कभी नहीं सुनी थी
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की रक्षा की है और यह 70वें संविधान दिवस पर सर्वोत्तम उपहार है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हमने आधी रात में आजादी मिलने की बात सुनी थी, लेकिन आधी रात में सरकार बनने की बात पहले कभी नहीं सुनी थी। संविधान का विनाश करने की कोशिश करने वाले कभी सफल नहीं होंगे।
संविधान को विकृत नहीं किया जा सकता- ममता
मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र के सियासी प्रकरण पर कहा कि संविधान का विनाश करने की कोशिश करने वाले कभी सफल नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट का फैसला और देवेंद्र फड़नवीस का महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना साबित करता है कि संविधान को विकृत नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया 70वें संविधान दिवस पर सर्वोत्तम उपहार- ममता
भाजपा पर संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि हमने आधी रात में आजादी मिलने की बात सुनी थी, लेकिन आधी रात में सरकार बनने की बात पहले कभी नहीं सुनी थी। सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की रक्षा की है और यह 70वें संविधान दिवस पर सर्वोत्तम उपहार है।
कांग्रेस ने चिट फंड विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने की मांग की
कांग्रेस ने चिट फंड (संशोधन) विधेयक 2019 को राज्यसभा की प्रवर समिति के पास भेजने की मांग की है। निवेशकों का हित सुरक्षित करने के उद्देश्य से यह विधेयक चिट फंड अधिनियम 1982 में संशोधन के लिए लाया गया है। इस महीने के शुरू में ही लोकसभा से यह विधेयक पारित हो चुका है।
चिट फंड (संशोधन) विधेयक 2019 राज्यसभा में पेश
वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में विचार और पारित करने के लिए विधेयक पेश किया। उन्होंने सदस्यों से विधेयक पारित कराने का अनुरोध करते हुए कहा कि यह पोंजी स्कीम और नियमन रहित चिट फंड का नियमन वाले चिट फंड के साथ घालमेल नहीं करेगा।
कांग्रेस सदस्य पी. भट्टाचार्य ने कहा, 'वित्त पर संसद की स्थायी समिति की सिफारिशों का यहां उल्लेख नहीं किया गया है। आपने हमें समिति की रिपोर्ट नहीं सौंपी है। आपका इरादा नेक है। क्या आप इस विधेयक को प्रवर समिति के पास संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट देखने के लिए नहीं भेज सकते।'
सदस्यों ने विधेयक की कमजोरियों को किया उजागर
कुछ सदस्यों ने भी विधेयक की कमजोरियों को उजागर किया और उल्लंघन करने वालों को कठोर दंड देने की मांग की। नामित सदस्य नरेंद्र जाधव ने कहा कि दो साल जेल और पांच हजार रुपये जुर्माना पर्याप्त नहीं है। इसे बढ़ाया जाना चाहिए।-