शपथ समारोह में नहीं गईं मगर दस जनपथ में उद्धव से मिलेंगी सोनिया गांधी
शिवसेना के साथ सत्ता का साझीदार बनने के बाद भी उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह से कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व शामिल नहीं हुआ। जल्द ही उद्धव की सोनिया गांधी से मुलाकात होने वाली है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शिवसेना के साथ सत्ता का साझीदार बनने के बाद भी उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण कार्यक्रम से कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने दूरी जरूर बनाई, मगर संकेत हैं कि जल्द ही उद्धव की सोनिया गांधी से मुलाकात होगी। उद्धव की मुख्यमंत्री के तौर पर दिल्ली की पहली यात्रा के दौरान ही उनकी कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की पूरी संभावना है। महाराष्ट्र में बारिश की वजह से फसल बर्बादी के संकट को देखते हुए उद्धव केंद्र से विशेष सहायता मांगने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जल्द मुलाकात की तैयारी कर रहे हैं।
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि शिखर नेतृत्व के उद्धव के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं जाने को गठबंधन को लेकर अंदरूनी असहजता का रंग देना सही नहीं है। शिवसेना से गठबंधन पर पार्टी में कोई दुविधा नहीं है क्योंकि कांग्रेस की शीर्ष नीति नियामक इकाई कार्यसमिति ने बकायदा मंथन कर इस पर मुहर लगाई है।
आदित्य ठाकरे को आमंत्रित करने के लिए भेजा
हालांकि, पार्टी रणनीतिकारों ने यह जरूर स्वीकार किया कि शिवसेना से गठबंधन चुनाव बाद विशेष हालात में हुआ है और इसलिए भविष्य की चुनौतियों और सवालों को साधने की रणनीति के तहत कुछ सियासी रास्ते बचाकर भी रखने होते हैं। शायद इसी गुंजाइश को बचाए रखने की रणनीति के तहत सोनिया गांधी, डॉ. मनमोहन सिंह और राहुल गांधी तीनों शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए। जबकि उद्धव ने कांग्रेस से अपनी सियासी दोस्ती को बेहतर शुरुआत देने के लिए खुद अपने बेटे आदित्य ठाकरे को इन तीनों को आमंत्रित करने के लिए भेजा था।
कांग्रेस अध्यक्ष दस जनपथ में स्वागत करेंगी
सूत्रों के अनुसार, शीर्ष नेतृत्व के नहीं जाने का मतलब यह नहीं है कि उद्धव को पार्टी नेतृत्व कोई नकारात्मक संकेत देना चाहता था। इसके विपरीत महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री का उनकी जल्द होने वाली दिल्ली यात्रा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष दस जनपथ में स्वागत करेंगी।
श्रेय गठबंधन के तीनों दलों को जाए न कि अकेले उद्धव को
पार्टी रणनीतिकारों के अनुसार, महाराष्ट्र में किसानों की कर्ज माफी के बड़े फैसले की तैयारी चल रही है और कांग्रेस नेतृत्व जाहिर तौर पर चाहेगा कि इसका श्रेय गठबंधन के तीनों दलों को जाए न कि अकेले उद्धव को। इसीलिए कर्ज माफी के फैसले के एलान के साथ ही केंद्र से अधिक सहायता हासिल करने के प्रस्ताव पर उद्धव की कांग्रेस और राकांपा के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत चल रही है। इसी प्रस्ताव के साथ उद्धव प्रधानमंत्री मोदी से मिलने दिल्ली आएंगे। इसी दौरान उनकी सोनिया से मुलाकात तय की जा रही है।