शिवसेना में रार : रामदास कदम का आरोप - एनसीपी से मिलकर पार्टी को खत्म करना चाह रहे परब और सामंत
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना के भीतर कलह खुलकर सामने आ गई है। वरिष्ठ नेता रामदास कदम ने शनिवार को पार्टी में सहयोगी और सरकार मंत्री अनिल परब और उदय सामंत पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ मिलकर पार्टी को खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
मुंबई, पीटीआइ। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना के भीतर कलह खुलकर सामने आ गई है। वरिष्ठ नेता रामदास कदम ने शनिवार को पार्टी में सहयोगी और सरकार मंत्री अनिल परब और उदय सामंत पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ मिलकर पार्टी को खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आगे क्या करना है? इसका फैसला वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद करेंगे।
2014 और 2019 के बीच देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में पर्यावरण मंत्री रहे कदम ने आरोप लगाया कि दोनों मंत्री उन्हें राजनीतिक रूप से खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह हमेशा 'शिव सैनिक' बने रहेंगे और दल कभी नहीं छोड़ेंगे। 2019 में एनसीपी और कांग्रेस से हाथ मिलाकर राज्य में सत्ता में आने के बाद यह पहली बार है जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी में मतभेद खुले में सामने आए हैं।
परब के खिलाफ बोलने का मतलब शिवसेना के खिलाफ खड़ा होना नहीं
संवाददाताओं से बात करते हुए कदम ने आरोप लगाया कि राज्य के परिवहन मंत्री परब और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सामंत रत्नागिरी जिले में शिवसेना को खत्म करने के लिए एनसीपी के साथ सांठगांठ की है। उन्होंने कहा कि परब के खिलाफ बोलने का मतलब शिवसेना के खिलाफ खड़ा होना नहीं है। परब और सामंत को शिवसेना को मजबूत करने के लिए मंत्री बनाया गया था, न कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को खत्म करने के लिए, जिन्होंने पार्टी को अपना पसीना और खून दिया है।
क्या लगाया आरोप
कदम ने दोनों पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोंकण क्षेत्र शिवसेना का गढ़ है, लेकिन दोनों मंत्री वहां पार्टी के अस्तित्व को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। परब रत्नागिरी जिले के संरक्षक मंत्री हैं, जबकि सामंत सिंधुदुर्ग जिले के संरक्षक मंत्री हैं। कदम को हाल ही में हुए मुंबई स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद चुनावों के लिए पार्टी द्वारा नामित नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि 2019 में जब महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार बनी थी, तो उन्होंने ठाकरे को सुझाव दिया था कि उनके जैसे वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई और दिवाकर रावते कैबिनेट में युवा नेताओं के लिए जगह बनाएंगे।
क्या भाजपा में शामिल होंगे?
सवालों के जवाब में कदम ने कहा कि वह यह जानने के लिए ठाकरे से मिलना चाहते हैं कि क्या वह परब के विचारों और कार्यशैली से सहमत हैं? यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा में शामिल होंगे? उन्होंने कहा कि दोनों दलों (शिवसेना और भाजपा) के बीच अंतर है और वह कभी भी शिवसेना नहीं छोड़ेंगे।
परब हड़ताल संभालने में रहे विफल
कदम ने आरोप लगाया कि परब महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारियों की चल रही हड़ताल को संभालने में विफल रहे। उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवसेना के किसी वरिष्ठ नेता का यह पहला विद्रोह है। अतीत में छगन भुजबल, नारायण राणे और राज ठाकरे जैसे कुछ हाई-प्रोफाइल नेताओं को पार्टी छोड़ चुके हैं।