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Maharashtra Politics: राज्य में रातों-रात कैसे बनी भाजपा-एनसीपी की सरकार, देवेंद्र फडणवीस ने बताया

Maharashtra Politics राज्य में भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ले ली है। इसी बीच शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जनता की पूरा जनादेश दिया है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 09:46 AM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 10:11 AM (IST)
Maharashtra Politics: राज्य में रातों-रात कैसे बनी भाजपा-एनसीपी की सरकार, देवेंद्र फडणवीस ने बताया
Maharashtra Politics: राज्य में रातों-रात कैसे बनी भाजपा-एनसीपी की सरकार, देवेंद्र फडणवीस ने बताया

नई दिल्ली,एएनआइ।  महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से चल रहे सियासी खेल में शनिवार शाम नया मोड आ गया। रातोंरात कुछ ऐसा हुआ जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। शनिवार सुबह राज्य में लगे राष्ट्रपति शासन को हटाने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने एक बार फिर राज्य की सत्ता संभाल ली हैं। फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री बन गए हैं, वहीं, एनसीपी के नेता अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली है। 

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फडणवीस ने कहा हमें मिला स्पष्ट जनादेश

मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद देवेंद्र फणडवीस ने कहा कि जनता ने हमें स्पष्ट जनादेश दिया था, शिवसेना ने इस जनादेश का अपमान किया। महाराष्ट्र की जनता को स्थिर और स्थाई सरकार चाहिए, राज्य को खिचड़ी सरकार की जरुरत नहीं है। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र के उज्जवल भविष्य के लिए एनसीपी के साथ मिलकर काम करेंगे।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में अभी तक एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना सरकार बनाने की कोशिश में लगी हुई थी। इन पार्टियों ने कई बैठकें भी की। इस दौरान इन्होंने राज्य में सरकार बनाने का ब्लूप्रिंट भी तैयार कर लिया था। 

इससे पहले शुक्रवार को एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना की दो घंटे तक बैठक भी हुई थी। जिसमें ये तय किया गया था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे शपथ लेंगे। बैठक के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए शरद पवार के नाम पर सहमति बन गई है। 

पिछली कुछ दिनों में महाराष्ट्र में क्या हुआ

जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए 21 अक्टूबर को मतदान हुआ था। नतीजों की घोषणा 24 अक्टूबर को की गई थी। वहीं राज्य में किसी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश ना करने के कारण 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। शिवसेना और भाजपा ने साथ मिलकर ये चुनाव लड़ा था लेकिन, शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की मांग को लेकर भाजपा के साथ 30 साल पुराना गठबंधन खत्म करने के बाद से ये राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था। 


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