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Maharashtra Politics: भाजपा के राहुल नार्वेकर बने विधान सभा अध्यक्ष, पहले टेस्ट में एकनाथ शिंदे पास; शिवसेना का दफ्तर सील

Maharashtra Politics महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक के बीच विधानसभा का विशेष सत्र आज से शुरु हुआ। पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हुआ। भाजपा के राहुल नार्वेकर विधानसभा में नए स्पीकर नियुक्त हुए हैं। राहुल को 164 से ज्यादा वोट मिले हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 12:17 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2022 02:00 PM (IST)
Maharashtra Politics: भाजपा के राहुल नार्वेकर बने विधान सभा अध्यक्ष, पहले टेस्ट में एकनाथ शिंदे पास; शिवसेना का दफ्तर सील
महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र में भाजपा के राहुल नार्वेकर नए स्पीकर चुने गए (फोटो एएनआई)

राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में एकनाथ शिंदे सरकार ने अपनी ताकत दिखा दी है। पहली बार विधायक बने भाजपा के राहुल नार्वेकर (45) रविवार को सबसे कम उम्र के विधानसभा अध्यक्ष चुन लिए गए। स्पीकर चुनाव को देखते हुए लग रहा है कि सोमवार को शिंदे सरकार विश्वास मत भी आसानी से जीत लेगी। नार्वेकर मुंबई के कुलाबा विधानसभा क्षेत्र से 2019 में भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए। स्पीकर चुनाव में नार्वेकर के पक्ष में 164 वोट पड़े। महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार राजन साल्वी को 107 वोट ही मिले।

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समाजवादी पार्टी के दो और एआइएमआइएम के एक सदस्य ने वोट नहीं डाला। उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि दो विधायक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण सदन में नहीं आ सके। कल के विश्वास मत में हम 166 मतों के साथ बहुमत साबित करेंगे। बता दें, वर्तमान में 287 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 144 है। चुनाव के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य में भाजपा-शिवसेना की सरकार बन गई है। 15 दिनों से चल रहे राजनीतिक उठापटक के माहौल को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो गया। सिर्फ शिवसेना के दोनों गुटों की ओर से उनके मुख्य सचेतकों ने व्हिप का पालन नहीं होने की आपत्ति अध्यक्ष के सामने दर्ज कराई।

उद्धव गुट के सचेतक सुनील प्रभु ने नए अध्यक्ष का अभिनंदन करते हुए मौखिक रूप से अपने व्हिप का उल्लंघन होने की शिकायत दर्ज कराई। शिंदे गुट के मुख्य सचेतक भरत गोगावले ने बाकायदा पत्र देकर कहा कि शिवसेना के 16 सदस्यों ने व्हिप का पालन नहीं किया। विशेष बात यह रही कि खुद राहुल नार्वेकर ने शिंदे गुट के मुख्य सचेतक भरत गोगावले को शिवसेना का मुख्य सचेतक बताते हुए उनकी आपत्ति प्राप्त होने की सूचना सदन में रखी। यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों पक्षों की आपत्तियों का निपटारा सदन में होगा अथवा सुप्रीम कोर्ट में।

डेढ़ साल से सदन चलाते आ रहे उपाध्यक्ष नरहरि झिरवल ने नार्वेकर को आसन संभालने का निमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री शिंदे, उपमुख्यमंत्री फडणवीस, कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहब थोरात, राकांपा प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल नए अध्यक्ष को आसन तक ले गए। 2019 में सरकार बनने के समय नाना पटोले को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद चार फरवरी, 2021 को पटोले ने स्पीकर का पद छोड़ दिया।

दामाद विधानसभा अध्यक्ष, ससुर विधान परिषद के सभापति

महाराष्ट्र विधानसभा में राहुल नार्वेकर को अध्यक्ष चुना गया। यह एक संयोग ही है कि विधान परिषद में उनके ससुर राकांपा सदस्य रामराजे निंबालकर सभापति की भूमिका निभा रहे हैं। राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने सदन में ही उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से आग्रह किया कि अगले सप्ताह खत्म होने जा रहे निंबालकर का कार्यकाल कम-से-कम एक साल तक बढ़ाने में राकांपा का सहयोग करें। इससे ससुर-दामाद द्वारा विधानमंडल चलाने का रिकार्ड बन सकेगा।

सपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, सदन चलाने में संविधान का ध्यान रखें

प्रदेश सपा अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने नए अध्यक्ष का अभिनंदन करते हुए कहा कि सदन चलाने में संविधान का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। आजमी ने उद्धव सरकार द्वारा जाते-जाते औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने पर नाराजगी जताई।

आदित्य ठाकरे ने कहा, कसाब को भी नहीं दी गई थी इतनी सुरक्षा

शिवसेना विधायक एवं उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे ने कहा कि पिछले 10-15 दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में जो कुछ हुआ, आज के युवा को क्या यह सब अच्छा लगेगा? उन्होंने शिंदे गुट के विधायकों को दी गई सुरक्षा पर तंज कसते हुए कहा कि इतनी सुरक्षा तो 26/11 के आतंकी कसाब को भी नहीं दी गई थी।

शिवसेना का दफ्तर सील

शिवसेना पर एकनाथ शिंदे गुट ने पूरी तरह कब्जा जमा लिया है। इस बीच आज जब महाराष्ट्र में विधानसभा स्पीकर पद के लिए चुनाव होना है तो यहां मौजूद शिवसेना के दफ्तर को भी सील कर दिया गया है। हालांकि, अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि ये दफ्तर सील किस गुट के कहने पर किया गया है। नोटिस में लिखा गया है कि शिवसेना विधानमंडल दल की तरफ से दफ्तर सील कराया गया है।

जानें- राहुल नार्वेकर के बारे में

45 साल के राहुल नार्वेकर पेशे से वकील हैं। उनके पिता सुरेश नार्वेकर बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) में पार्षद थे। उनके भाई मकरंद बीएमसी के वार्ड नंबर 227 से दूसरी बार पार्षद बने हैं। उनकी भाभी हर्षता भी बीएमसी के वार्ड नंबर 226 से पार्षद हैं। राहुल नार्वेकर 2014 से पहले शिवसेना में थे, लेकिन लोकसभा का टिकट नहीं मिला, तो पार्टी छोड़ एनसीपी में शामिल हो गए। 2014 में मवाल लोकसभा सीट से मैदान में उतरे, लेकिन हार मिली। फिर नार्वेकर भाजपा में शामिल हो गए। 2016 में गवर्नर कोटे से नार्वेकर विधानपरिषद पहुंचे। वहीं 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कोलोबा विधानसभा सीट से जीत हासिल की।


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