Move to Jagran APP

बहुमत सिद्ध करने के लिए हर मोर्चे पर तैयार भाजपा, 'सॉफ्ट टारगेट' हो सकती है कांग्रेस

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर करीब एक माहीने तक चुप बैठी भाजपा ने अब इस मोर्चे पर अपने सारे प्रयास एक साथ शुरू कर दिए हैं।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sun, 24 Nov 2019 10:08 PM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 07:06 AM (IST)
बहुमत सिद्ध करने के लिए हर मोर्चे पर तैयार भाजपा, 'सॉफ्ट टारगेट' हो सकती है कांग्रेस
बहुमत सिद्ध करने के लिए हर मोर्चे पर तैयार भाजपा, 'सॉफ्ट टारगेट' हो सकती है कांग्रेस

मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। अपने मुख्यमंत्री एवं 'सहयोगी दल' के उप मुख्यमंत्री को शपथ दिलवा चुकी भाजपा की ओर से दावा किया गया है कि सदन में बहुमत सिद्ध करने के लिए उसकी रणनीति तैयार है। करीब एक माह तक चुप बैठी भाजपा ने अब इस मोर्चे पर अपने सारे प्रयास एक साथ शुरू कर दिए हैं। वहीं, कांग्रेस-राकांपा-शिवसेना की तरफ से मोर्चा संभाल रहे महाराष्ट्र की राजनीति के सबसे अनुभवी खिलाड़ी शरद पवार लगातार सदन में भाजपा के बहुमत न सिद्ध कर पाने और अपनी सरकार बनने का दावा कर रहे हैं।

loksabha election banner

महाराष्ट्र विधानसभा के 288 सदस्यों वाले सदन में बहुमत सिद्ध करने के लिए भाजपा को 145 सदस्यों की जरूरत है। भाजपा के दावे के अनुसार उसके पास निर्दलीय एवं छोटे सहयोगी दलों को मिलाकर कुल संख्या 119 है। शेष 26 विधायक जुटाने के लिए या तो उसे किसी बड़े समूह का समर्थन लेना होगा अथवा सदन से कुछ विधायकों को अनुपस्थित करवाकर बहुमत सिद्ध करने के लिए आवश्यक विधायकों की संख्या को नीचे लाना होगा। ऐसे में फिलहाल भाजपा को बहुमत सिद्ध करने के लिए तीन तस्वीरें बनती दिख रही हैं।

पहली तस्वीर

भाजपा के साथ सरकार बनाते समय अजीत ने राज्यपाल को अपनी पार्टी के सभी 54 विधायकों द्वारा समर्थन का पत्र राज्यपाल को दे रखा है, लेकिन इसके बाद के घटनाक्रम को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि एनसीपी के कितने विधायक उनके खेमे में हैं और कितने शरद पवार के। शरद पवार के सीधा मोर्चा संभाल लेने के बाद देखना होगा कि बहुमत के समय अजीत एनसीपी की कुल विधायक संख्या 54 की दो तिहाई संख्या यानी 36 विधायकों को भाजपा के पक्ष में ला पाते हैं या नहीं। अजीत पवार के पास दूसरा रास्ता अपने समर्थक 12-15 विधायकों को सदन में अनुपस्थित रहने के लिए राजी करना हो सकता है।

दूसरी तस्वीर

माना जा रहा है कि भाजपा ने अब अचानक देवेंद्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने का फैसला अकेले अजीत पवार के दम पर तो नहीं लिया होगा। भाजपा के पास दूसरा रास्ता अन्य दलों से ऐसे विधायकों को राजी करना होगा, जो सदन में बहुमत सिद्ध करने के समय अपने दल के व्हिप का उल्लंघन कर सदन से बाहर चले जाएं। चार प्रमुख दलों के अलावा चुनकर आए 29 अन्य विधायकों में से 14 के समर्थन का दावा भाजपा पहले से करती आ रही है। सरकार बनने की सुनिश्चितता पर इसमें पांच-छह की संख्या और बढ़ सकती है।

माना जा रहा है कि बहुमत का आंकड़ा नीचे लाने के लिए भाजपा ने अपने चार नेताओं को सक्रिय कर दिया है। इनमें कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए राधाकृष्ण विखे पाटिल एवं नारायण राणे और एनसीपी से आए बबनराव पाचपुते एवं गणेश नाइक शामिल हैं। हालांकि इस स्थिति में पार्टी के व्हिप के उल्लंघन के कारण सदस्यता गंवाने वाले विधायकों को जिताना भाजपा के लिए चुनौती बन सकती है। शरद पवार कल ही कह चुके हैं कि बगावत करने वाले विधायकों के विरुद्ध कांग्रेस, एनसीपीऔर शिवसेना मिलकर प्रत्याशी खड़ा करेंगी।

तीसरी तस्वीर

भाजपा के लिए एक 'सॉफ्ट टारगेट' कांग्रेस भी हो सकती है। इस समय 44 सदस्यों के साथ वह सबसे छोटा दल है। आश्चर्य की बात यह भी है कि कांग्रेस के विधायक अभी तक अपना कोई नेता भी नहीं चुन पाए हैं (या किसी रणनीति के तहत नहीं चुना है)। कांग्रेस विधायकों से समूह के रूप में या अलग-अलग संपर्क किया जा सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने माना है कि भाजपा ने उन सभी होटलों में कमरे बुक कर रखे हैं जहां कांग्रेस, एनसीपीऔर शिवसेना के विधायक ठहरे हैं। इंटरकॉम पर उनसे संपर्क की कोशिश भी की जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.