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Maharashtra Karnataka Border Dispute: महाराष्ट्र के मंत्री करेंगे बेलगावी दौरा, CM बोम्मई बोले- बढ़ेगा विवाद

महाराष्ट्र के मंत्रियों के बेलगावी दौरे पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कड़ा ऐतराज जताया है और कहा कि इससे विवाद और बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि अगर मंत्री आते हैं तो हम एक सरकार की तरह ही कार्रवाई करेंगे।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Sat, 03 Dec 2022 09:11 AM (IST)
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महाराष्ट्र के मंत्रियों के बेलगावी दौरे पर बोले बोम्मई।

बेलगावी, एजेंसी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने महाराष्ट्र के मंत्रियों के बेलगावी दौरे पर ऐतराज जताया है। उन्होंने सीमा पर दोनों राज्यों के बीच मौजूदा स्थिति के मद्देनजर बेलगावी का दौरा नहीं करने को कहा है। बोम्मई ने कहा कि इस दौरे से सीमा विवाद और बढ़ सकता है। सीएम की ओर से मुख्य सचिव ने कहा, "सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों के बीच मौजूदा स्थिति को देखते हुए, महाराष्ट्र के मंत्रियों के लिए बेलेगावी का दौरा करना उचित नहीं है।"

बोम्मई बोले- पहले की तरह ही कार्रवाई करेंगे

महाराष्ट्र के मंत्रियों की बेलागवी जाने की योजना की खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कर्नाटक के सीएम ने कहा कि जब दोनों राज्यों के बीच ऐसी स्थिति हो तो उनका आना उचित नहीं है। हमने पहले ही न आने का संदेश भिजवा दिया है। बोम्मई ने कहा कि जब इस तरह के प्रयास अतीत में कई बार किए गए हैं जैसी कार्रवाई तब हुई वैसे ही हम करेंगे।

6 दिसंबर को मंत्री कर रहे हैं दौरा 

महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल और शंभुराज देसाई कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद पर चर्चा करने के लिए  कर्नाटक के बेलगावी की यात्रा 6 दिसंबर को कर रहे हैं। चंद्रकांत पाटिल और शंभुराज देसाई को कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा मुद्दे के लिए समन्वयक मंत्री नियुक्त किया गया है। हालांकि पहले यह बैठक तीन दिसंबर को होनी थी।

बेलगावी को अपना क्षेत्र बता रहा है महाराष्ट्र

बेलगावी अंबेडकर संगठन के अनुरोध पर उनका दौरा स्थगित कर दिया गया है और दोनों डॉ बीआर अंबेडकर की पुण्यतिथि पर छह दिसंबर को बेलगावी पहुंचेंगे। बेलगाम या बेलगावी वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा है, लेकिन महाराष्ट्र द्वारा इसको अपना हिस्सा होने का दावा किया जाता है। कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद बढ़ने के बाद, बेलगावी में कई अप्रिय घटनाएं हुईं। हाल ही में कन्नड़ समर्थक संगठनों ने बेलगावी में राजमार्ग पर सड़क जाम कर दिया। उन्होंने टायरों में आग लगा दी और महाराष्ट्र के खिलाफ नारेबाजी की।

 

1953 में शुरू हुआ विवाद

लंबे समय से चल रहा कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद 1953 में शुरू हुआ था, जब महाराष्ट्र सरकार ने बेलगावी सहित 865 गांवों को कर्नाटक में शामिल करने पर आपत्ति जताई थी। गांव बेलगावी और कर्नाटक के उत्तर-पश्चिमी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में फैले हुए हैं और सभी महाराष्ट्र की सीमा से लगे हुए हैं। 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के लागू होने के बाद, महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक के साथ अपनी सीमा के पुन: समायोजन की मांग की। इसके बाद दोनों राज्यों की ओर से चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। महाराष्ट्र सरकार ने मुख्य रूप से कन्नड़ भाषी 260 गांवों को स्थानांतरित करने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन कर्नाटक द्वारा इसे ठुकरा दिया गया था। अब, कर्नाटक और महाराष्ट्र दोनों सरकारों ने मामले में तेजी लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और मामला अभी भी लंबित है।