Move to Jagran APP

शीतकालीन सत्र में भी नहीं हो सका महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव, 10 महीनों से कोई पूर्णकालिक स्‍पीकर नहीं

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव शीतकालीन सत्र में भी नहीं हो सका। तीन दलों की पूर्ण बहुमत वाली महाविकास आघाड़ी सरकार में यह पद पिछले तीन विधानमंडल सत्रों से नहीं भरा जा पा रहा है। महाविकास आघाड़ी सरकार शीतकालीन सत्र में ध्वनिमत से विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव करवाना चाहती थी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 28 Dec 2021 09:58 PM (IST)Updated: Tue, 28 Dec 2021 09:58 PM (IST)
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव शीतकालीन सत्र में भी नहीं हो सका।

 राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव शीतकालीन सत्र में भी नहीं हो सका। तीन दलों की पूर्ण बहुमत वाली महाविकास आघाड़ी सरकार में यह पद पिछले तीन विधानमंडल सत्रों से नहीं भरा जा पा रहा है। महाविकास आघाड़ी सरकार शीतकालीन सत्र में ध्वनिमत से विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव करवाना चाहती थी। इसके लिए उसने विधायी नियमों में परिवर्तन भी किया। सरकार का तर्क था कि ऐसा करके विधायकों की खरीद-फरोख्त यानी हार्स ट्रेडिंग से बचा जा सकता है।

loksabha election banner

राज्य मंत्रिमंडल से यह प्रस्ताव पारित होने के बाद सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर तीन वरिष्ठ मंत्रियों ने रविवार को राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का पत्र सौंपा था। जिस पर राज्यपाल ने तुरंत कोई उत्तर न देते हुए विशेषज्ञों की राय लेकर बात में सूचित करने को कहा था। मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं साखोली विधानसभा सीट से विधायक नाना पटोले ने विधानसभा को बताया कि विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।

उनके अनुसार राज्यपाल ने अभी तक राज्य मंत्रिमंडल द्वारा भेजे गए ध्वनिमत से विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराने के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है। बता दें कि गठबंधन सरकार ने शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन, यानी 28 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराने की योजना बनाई थी। लेकिन राज्यपाल द्वारा इसकी मंजूरी न दिए जाने से सरकार की यह योजना खटाई में पड़ गई है।

गुप्त मतदान के जरिए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराने से झिझक रही सरकार

महाराष्ट्र में कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना के गठबंधन वाली महाविकास आघाड़ी सरकार बनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष का पद कांग्रेस के हिस्से में आया था, और साखोली से चुने गए विधायक नाना पटोले विधानसभा अध्यक्ष बने थे। लेकिन चार फरवरी, 2021 को उन्होंने यह पद छोड़ दिया था। उसके बाद 10 महीनों से महाराष्ट्र विधानसभा में कोई पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं है। तब से विधानमंडल के तीन सत्र भी बीत चुके हैं।

महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों को मिलाकर 170 विधायक हैं। इसके बावजूद सरकार गुप्त मतदान के जरिए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराने से झिझक रही है। जबकि आज फिर यह चुनाव न हो पाने से खीझे शिवसेना नेता संजय राऊत का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराना विधानसभा का अधिकार होता है। इसके बावजूद अगर राज्यपाल रुकावटें डालते हैं, तो उससे लगता है कि उनपर कोई दबाव है। राऊत के अनुसार भाजपा राज्यपाल के कंधे पर बंदूक रखकर अपना एजेंडा चला रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.