मध्य प्रदेश में गरमाई सियासत, कमलनाथ बोले- 10 विधायकों को दिया गया पैसे और पद का लालच
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा है कि मेरे 10 विधायकों ने मुझे बताया है कि दल बदलने के लिए उनके पास लगातार फोन आ रहे हैं।
भोपाल, एएनआइ। Lok Sabha Election Results 2019 से ठीक पहले मध्य प्रदेश की सियासत गरमा गई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ (Madhya Pradesh CM Kamal Nath) ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा है कि मेरे 10 विधायकों ने मुझे बताया है कि दल बदलने के लिए उनके पास लगातार फोन आ रहे हैं। उन्हें पार्टी बदलने के लिए पैसे और पद का लालच दिया जा रहा है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मुझे कांग्रेस के सभी विधायकों पर पूरा भरोसा है।
बता दें कि विपक्षी भाजपा ने सरकार को अल्मत में बताते हुए राज्यपाल को चिठ्ठी लिखकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। वहीं कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट में बहुमत का दावा किया है। कमलनाथ का आरोप है कि उनकी पार्टी के लगभग 10 विधायकों को दल बदलने के लिए प्रलोभन दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की बैठक ली। बैठक में प्रत्याशियों से फीडबैक लिया और आगे की सियासी रणनीति पर चर्चा की। सीएम ने यह भी कहा है कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ सुनील जोशी हत्याकांड में मंत्री पीसी शर्मा ने जो कहा है उस पर कार्रवाई होगी।
बता दें कि मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें हैं जिसमें से तीन सीटों पर कांग्रेस काबिज है। साल 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने दो सीटों पर जीत दर्ज की थी, बाद में उसने झाबुआ-रतलाम सीट पर हुए उपचुनाव में कब्जा जमाया था। कांग्रेस को उम्मीद थी कि वह विधानसभा में अपने प्रदर्शन को इस लोकसभा चुनावों में भी दोहराएगी लेकिन एक्जिट पोल के नतीजों ने उसकी मंशा पर पानी फेरने का काम किया है।
लोकसभा एग्जिट पोल के अनुमानों के बाद से मध्य प्रदेश की सियासी फिजा बदल सी गई है। ऐसी चर्चाएं हैं कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सत्ता गंवा सकती है। कांग्रेस के कुछ विधायक अपना पाला बदल सकते हैं। मौके की नजाकत को भांपते हुए भाजपा ने भी फ्लोर टेस्ट की बात उठाई है। बता दें कि 231 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 116 विधायकों की जरूरत होती है। कांग्रेस के पास फिलहाल 113 विधायक हैं, जबकि चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा के विधायक ने कांग्रेस की सरकार को समर्थन दिया है। भाजपा के पास 109 सीटें हैं और वह बहुमत से 6 सीट ही पीछे है।
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