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Madhya Pradesh BJP: करीब आए ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय, कयासों का दौर शुरू

कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीते सोमवार को इंदौर में मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद भाजपा संगठन में मची खलबली और कयासों की लहरें शांत होने का नाम नहीं ले रहीं। इस नए समीकरण को लेकर अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं।

By Piyush KumarEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2022 07:37 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2022 07:37 PM (IST)
Madhya Pradesh BJP: करीब आए ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय, कयासों का दौर शुरू
कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की मुलाकात।(फाइल फोटो)

धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। वाकई! क्रिकेट अनिश्चितता से भरा खेल है। चाहे मैदान हो, खिलाड़ी हों, संगठन हो या हों इसके खेवनहार। अब मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) के परस्पर विरोधी दो ध्रुवों कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया को ही देखें। अचानक दोनों हंसते हुए बीते सोमवार को इंदौर में गले क्या मिले, भाजपा संगठन में मची खलबली और कयासों की लहरें शांत होने का नाम नहीं ले रहीं। इस नए समीकरण को लेकर अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं।

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इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उस बयान का भी गहन विश्लेषण नहीं थम रहा, जिसमें उन्होंने कहा कि पार्टी कहेगी तो मैं दरी भी बिछा सकता हूं, वापस जैत (गृह ग्राम) भी जाकर जनता की सेवा कर सकता हूं। मुझे आदेशित-निर्देशित हर भूमिका के लिए मैं तैयार हूं। त्याग और अनुशासन से भरे इस बयान को भविष्य के संकेतों से ज्यादा सिंधिया और विजयवर्गीय के मिलन के अलावा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के आत्मविश्वास से लबरेज मुस्कान से जोड़ा जा रहा है। हालांकि सारी हलचल, सुगबुगाहट अभी संगठन के अनुशासित सतह से नीचे ही है।

पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव के बाद अमित शाह ने किया दौरा

दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भोपाल दौरे को लेकर बड़े बदलाव की सुगबुगाहट चरम पर थी। शाह के दौरे में उनके सभी दिग्गजों के मिलने की तस्वीरों के भी लगातार अलग—अलग मायने निकाले जाते रहे। चूंकि, भाजपा शासित अन्य राज्यों में सत्ता और संगठन में उच्च स्तर पर बदलाव देखे जाते रहे हैं, तो मध्य प्रदेश में भी ऐसी चर्चाओं को अक्सर वजन मिल जाया करता है। अमित शाह का दौरा पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव के बाद हुआ और माना जा रहा था कि इसमें मिली सफलता का पुरस्कार और गाज गिरनी दोनों तय हैं।

हालांकि, शाह अपने निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक भोपाल आए और बिना किसी उठापटक के संकेत के चले भी गए। खास बात थी कि उन्होंने अलग-अलग मौकों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की तारीफ की। इसे सत्ता, संगठन के संतुलन की दृष्टि से देखा गया और यह स्पष्ट नहीं हो सका कि आने वाले दिनों में कौन कितनी मजबूती से अपनी मौजूदगी बनाए रख सकेगा और किसकी छुट्टी होगी या कद घटेगा?

कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया की हुई मुलाकात

यह जरूर है कि कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात नए राजनीतिक समीकरण के संकेत दे रही है। विजयवर्गीय लंबे समय से मध्य प्रदेश की राजनीति में प्रत्यक्ष रूप से सक्रिय नहीं है। ज्योतिरादित्य सिंधिया से उनकी क्रिकेट एसोसिएशन को लेकर पुरानी अदावत रही है। अचानक से दोनों का मिलना और शिवराज सिंह चौहान का पार्टी के प्रति समर्पण भाव में त्याग के लिए तैयार रहने को नए सिरे से नई शुरआत समझा जा रहा है।

रजनीश अग्रवाल, प्रदेश मंत्री भाजपा ने बताया कि कांग्रेस और भाजपा के संस्कार और व्यवहार में यही अंतर है। कांग्रेस में गुटबाजी है और भाजपा में परिवार भावना है। यह नेताओं का नहीं, अपितु दो परिवार का मिलन है। स्वाभाविक है, इससे राजनीतिक मधुरता भी बढ़ती ही है। पार्टी को भी लाभ होता है।


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