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Madhya Pradesh : अगले महीने विधानसभा सत्र, प्रदर्शन और नारेबाजी पर रहेगी पाबंदी, जानें क्‍या होंगे इंतजाम

मध्य प्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) का सत्र कोरोना संकट के बीच 21 से 23 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। जानें सत्र में क्‍या होंगे सुरक्षा के इंतजाम...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 06:03 AM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 06:03 AM (IST)
Madhya Pradesh : अगले महीने विधानसभा सत्र, प्रदर्शन और नारेबाजी पर रहेगी पाबंदी, जानें क्‍या होंगे इंतजाम

भोपाल, जेएनएन। कोरोना संकट के बीच मध्य प्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) का सत्र 21 से 23 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। संवैधानिक बाध्यता के तहत बुलाए जा रहे इस सत्र की खास बात यह है कि इसमें केवल शासकीय कार्य होगा। सत्र में सवाल-जवाब तो होंगे लेकिन गर्भगृह में जाकर धरना प्रदर्शन या नारेबाजी करने पर रोक रहेगी। तीन दिवसीय सत्र के लिए भी कोरोना संबंधी विशेष गाइडलाइन बनाई जाएगी। सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाकर सारी बातों को तय किया जाएगा।

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सचिवालय ने जारी की अधिसूचना

गौरतलब है कि छह माह के भीतर विधानसभा का सत्र बुलाना अनिवार्य है। बीते 25 मार्च के बाद 25 सितंबर को विधानसभा सत्र के छह महीने का समय पूरा हो रहा था। 15वीं विधानसभा का यह सातवां सत्र है। राज्यपाल के अनुमोदन के बाद विधानसभा सचिवालय द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि तीन दिवसीय सत्र में सदन की कुल तीन बैठकें होंगी। इसमें शासकीय विधि विषयक एवं वित्तीय कार्य के साथ अध्यक्ष का निर्वाचन होगा।

सवाल पूछने का मिलेगा मौका

बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत छह मंत्री और 15 विधायक अब तक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इसलिए माना जा रहा था कि विधानसभा सत्र केवल संवैधानिक औपचारिकता पूरी करने के लिए बुलाया जाएगा। राज्यसभा चुनाव में मतदान के दौरान भी कुछ विधायक बिना मास्क लगाकर आए थे और दूसरे दिन उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। हालांकि ताजा फैसले में विधायकों को सवाल पूछने का वक्त दिया जा रहा है। प्रमुख सचिव एपी सिंह ने इसकी पुष्टि की। यह भी बताया गया है कि सत्र के दौरान अशासकीय संकल्प से लेकर ध्यानाकर्षण सूचना से लेकर स्थगन सूचना भी विधायक दे सकेंगे।

मेडिकल गाइडलाइन तैयार होगी

सत्र के आयोजन के मद्देनजर कोरोना से बचाव के लिए विशेष मेडिकल गाइडलाइन तैयार की जाएगी। इसमें विधायकों की सीट के बीच अंतर, सत्र में अधिकारियों की मौजूदगी, उनकी संख्या और बाकी सुरक्षा के उपाय होंगे। सत्र से पहले सभी राजनीतिक दलों की उपस्थिति में इस बारे में फैसला होगा। प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने कहा कि सत्र में कोरोना से सुरक्षा के हर संभव उपाय किए जाएंगे। सदन के भीतर भी कैमिकल ट्रीटमेंट कराया जा रहा है। विधायकों के एकजुट होने और वेल में जमा होने पर रोक रहेगी। उक्‍त कदम विधायकों की सुरक्षा के लिए ही उठाया जा रहा है। 


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