अंदरूनी लॉबिंग में फंसी कांग्रेस के नये अध्यक्ष की तलाश, अब यह आठ चेहरे हैं मुख्य दावेदार
राहुल गांधी के उत्तराधिकारी के नाम पर अब तक नहीं बनी है सहमति कार्यसमिति की बैठक की अभी हफ्ते भर उम्मीद नहीं। अभी अध्यक्ष पद के दावेदारों में आठ चेहरे।
नई दिल्ली, संजय मिश्र। कांग्रेस के नये अध्यक्ष की तलाश फिलहाल पार्टी की अंदरूनी लॉबिंग में फंसी नजर आ रही है। इस लॉबिंग की वजह से ही राहुल गांधी के उत्तराधिकारी के तौर पर नेतृत्व करने वाले चेहरे को लेकर अभी तक पार्टी में सहमति नहीं बन पायी है। अपने राजनीतिक सेनापति की तलाश कर रही पार्टी में जारी उहापोह का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी एक हफ्ते तक कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाए जाने की संभावना नहीं है।
राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद से पार्टी में जारी इस असमंजस के बीच कांग्रेस में नये अध्यक्ष का चयन चुनाव के जरिये करने के विकल्प पर भी मंथन हो रहा है। पार्टी के वरिष्ठ सूत्रों के अनुसार नये अध्यक्ष के नाम पर व्यापक सहमति नहीं बनने की स्थिति में चुनाव का विकल्प अपनाने पर भी गौर किया जा सकता है।
हालांकि पार्टी में संभावित दावेदारों के नाम पर घमासान ऐसा नहीं है कि तत्काल इस विकल्प की जरूरत पड़े। लेकिन नये अध्यक्ष की तलाश एक सीमा से ज्यादा लंबी हुई तो फिर कार्यसमिति को इस बारे में निर्णायक फैसला लेना पड़ेगा।
उनके मुताबिक ऐसी स्थिति में कार्यसमिति की बैठक बुलाकर सबसे पहले राहुल गांधी का इस्तीफा स्वीकार किया जाएगा और संगठन महासचिव की अगुआई में तीन-चार महीने पार्टी कामकाज का संचालन होगा और इस दौरान अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।
मगर राहुल के इस्तीफे के बाद नेतृत्व के संकट से जूझ रही कांग्रेस में चुनाव का विकल्प अंदरूनी गुटबाजी कहीं ज्यादा बढ़ा सकता है। इस आशंका को देखते हुए जाहिर तौर पर पार्टी के लिए यह अंतिम विकल्प ही होगा। सूत्रों ने यह भी बताया कि संभावित दावेदारों में से नये अध्यक्ष के नाम पर सहमति बनाने के जारी प्रयासों को देखते हुए अभी कुछ और वक्त लग सकता है।
ऐसे में 22 जुलाई तक कार्यसमिति की बैठक बुलाने की फिलहाल कोई गुंजाइश नहीं दिख रही। इस बात की संभावना ज्यादा है कि संसद का बजट सत्र खत्म होने के तत्काल बाद कार्यसमिति की बैठक बुलाकर नये अध्यक्ष का फैसला किया जाए।
अध्यक्ष की दौड़ में आठ चेहरे
कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में कम से कम आठ नेता शामिल हैं। इसमें पार्टी की पुरानी और नई दोनों पीढ़ी के नेता शामिल हैं। खास बात यह है कि कांग्रेस के नये अध्यक्ष के दावेदारों में दलित समुदाय के चार वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सुशील कुमार शिंदे, मीरा कुमार और मुकुल वासनिक शामिल हैं।
इसमें अपेक्षाकृत कम उम्र और संगठन के अनुभव के लिहाज से मुकुल वासनिक को प्रमुख दावेदारों में गिना जा रहा है। वासनिक कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई और युवा कांग्रेस दोनों के अखिल भारतीय अध्यक्ष रह चुके हैं।
साथ ही बीते दो दशक से पार्टी के महासचिव हैं। जबकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से देश के गृहमंत्री पद पर रह चुके सुशील कुमार शिंदे को शासन और संगठन दोनों का अनुभव है। वहीं यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे खड़गे पिछली लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता के रुप में अपनी प्रभावी भूमिका के जरिये अध्यक्ष पद की दौड़ में हैं।
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार का राजनीतिक कद और सियासी विरासत उनकी दावेदारी की वजह है। राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया नई पीढ़ी के नेतृत्व के चेहरे के तौर पर अध्यक्ष पद के संभावितों में गिने जा रहे हैं।
युवा चेहरों में मिलिंद देवड़ा भी एक नाम हैं। इन युवा चेहरों में किसी के नाम पर राहुल गांधी का समर्थन मिलने में दिक्कत नहीं होगी। जबकि पार्टी की पुरानी और नई पीढ़ी में सर्वमान्य चेहरे के तौर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदारों में शामिल है। हालांकि राजस्थान की सत्ता छोड़ कांग्रेस के सबसे नाजुक राजनीतिक दौर में पार्टी की कमान थामने को लेकर गहलोत ने अपनी तरफ से अभी तक दिलचस्पी नहीं दिखाई है।