राहुल गांधी ने हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को सुविधा मुहैया कराने के लिए लिखा पत्र, HRD मंत्री ने दिया ये जवाब
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एचआरडी मंत्री को लिखा है कि लैकडाउन के कारण भारत के विभिन्न हिस्सों में छात्रावासों में रहे छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से उन छात्रों की हर तरह से मदद करने को कहा है, जो अपने घर नहीं जा सके हैं और छात्रावासों में ठहरे हुए हैं। निशंक को लिखे एक पत्र में गांधी ने सभी आवासीय विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति करने की मांग की है। उन्होंने छात्रों और उनके परिवार के बीच नियमित संचार की सुविधा भी सुनिश्चित करने की मांग की।
हॉस्टल में रहने वाले छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया
कांग्रेस नेता ने कहा कि कई अभिभावकों, जिनके बच्चे आवासीय शिक्षण संस्थानों में रहते हैं, ने उनसे अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा उन्होंने पर्याप्त एहतियाती कदम उठाने और चिकित्सा सुविधा की पहुंच सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र वायनाड के 20 बच्चे जवाहर नवोदय विद्यालय, नैनीताल में पढ़ रहे हैं। उन्होंने स्कूल के प्रिंसिपल से बात की है। प्रिंसिपल ने उन्हें बच्चों की भलाई के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
इसका जवाब देते हुए एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि मैं मंत्री के रूप में सभी छात्रों को विश्वास दिलाता हूं कि छात्रों की किसी भी शिकायत का निवारण करुंगा। 169 छात्रावासों में छात्र रह रहे हैं और छात्रों की सुरक्षा के लिए हर प्रकार की सावधानी बरती जा रही है।
लॉकडाउन गरीब और कमजोर लोगों को करेगा तबाह
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी लॉकडाउन पर सवाल उठाते हुए कहा कि 'लॉकडाउन हमारे गरीब और कमजोर लोगों को तबाह कर देगा। यह भारत के लिए बहुत बड़ा झटका होगा, जिसे हम प्यार करते हैं। भारत ब्लैक ऐंड व्हाइट नहीं है।'
सरकार की पहल का किया था स्वागत
राहुल गांधी ने गुरुवार को कोरोना वायरस संकट से प्रभावित गरीब लोगों के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की सरकार की घोषणा का स्वागत करते हुए इसे सही दिशा में उठाया गया पहला कदम बताया था। गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि सरकार की ओर से वित्तीय पैकेज की घोषणा सही दिशा में पहला कदम है। भारत पर उसके किसानों, दिहाड़ी मजदूरों, श्रमिकों, महिलाओं और बुजुर्गो का कर्ज है, जिन्हें मौजूदा लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।