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झोपड़ी में रहने वाले भाजपा विधायक का समर्थक बनवा रहे चंदे से घर

मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले सीताराम आदिवासी की हालत देखकर इलाके के लोगों का दिल पिघल गया और उन्होंने चंदे से मकान की सौगात देने की कोशिश की है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 29 Jan 2019 12:29 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jan 2019 12:29 PM (IST)
झोपड़ी में रहने वाले भाजपा विधायक का समर्थक बनवा रहे चंदे से घर

भोपाल(प्रेट्र)। मध्य प्रदेश के भाजपा विधायक सीताराम आदिवासी के पास रहने के लिए घर नहीं है। वे झोपड़ीनुमा कच्चा मकान में रहते है। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले सीताराम आदिवासी की स्थिति देखकर उनके समर्थकों ने चंदे से मकान बनाने की कोशिश की है। स्थानीय लोग नहीं चाहते कि उनका विधायक झोपड़ी में रहे, लिहाजा लोगों ने आपसी सहयोग से पैसे इकट्ठे किए, जिससे सीताराम का पक्का मकान बन रहा है।

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सीताराम ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कद्दावर नेता रामनिवास रावत को शिकस्त दी है। सीताराम का यह तीसरा चुनाव था। वे लगातार दो चुनाव हारे और तीसरे चुनाव में उन्होंने आखिरकार जीत दर्ज कर ही ली। उनका रहन-सहन एकदम ग्रामीण शैली में है। इन दिनों वे शाम के समय अपनी झोपड़ी के बाहर खटोली पर बैठक कर आग तापते नजर आ जाएंगे, तो सुबह में शॉल ओढ़े, धूप सेंकते हुए अपनों की पंचायत करते। यह नजारा आम है।

सीताराम का कहना है कि उनके पास पैसा नहीं है, इसलिए अपने परिवार के साथ झोपड़ीनुमा कच्चे मकान मे रहते हैं। पहले कभी कांग्रेस के सदस्य हुआ करते थे, वहां महत्व नहीं मिला तो भाजपा में आए, दो चुनाव हारे, तीसरे चुनाव में जीत मिली है।

विधायक सीताराम को चाहने वाले धनराज का कहना है कि उन लोगों को अच्छा नहीं लगता कि उनका जनप्रतिनिधि झोपड़ीनुमा घर में रहे, यही कारण है कि उनके चहेतों ने चंदा करके पक्का मकान बनाने की योजना बनाई है, इस पर अमल भी शुरू हो गया है। सीताराम कराहल विकासखंड के पिपरानी गांव के रहने वाले हैं। इसी गांव में अब उनका पक्का मकान बनाया जा रहा है। वे स्वयं कहते हैं कि लोगों ने सहयोग के तौर पर 500-1000 रुपये करके दिए हैं। इस रकम से मकान निर्माण का शुरू कर दिया गया है।

सीताराम की पत्नी इमरती बाई का कहना है कि उनके पति और परिवार लंबे अरसे से संघर्ष करता आ रहा है। अब दिन फिरे हैं, उम्मीद है कि आने वाले समय में उनकी स्थिति सुधरेगी और जीवन सुखमय होगा।  सीताराम तो जनता के काम हो ही अपना काम मानते हैं, इसलिए जनता भी उन्हें अपना मानती है।


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