Rajasthan Political Crisis: बागी विधायकों के मामले पर हाई कोर्ट में कल फिर होगी सुनवाई
राज्य विधानसभा अध्यक्ष ने बैठक में अनुपस्थित पायलट समेत 19 विधायकों को सदस्यता खत्म करने को लेकर नोटिस जारी किया था। इसके खिलाफ बागी विधायक हाई कोर्ट चले गए।
जयपुर, एजेंसियां। बागी विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिस को लेकर सोमवार को दिनभर चली सुनवाई के बाद इस मामले की सुनवाई अब कल फिर से होगी। राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उन्हें जारी किए गए अयोग्य नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों की याचिक पर सुनवाई कल यानी मंगलवार को फिर सुबह साढ़े दस बजे से की जाएगी। बागी विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिस पर राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान राजस्थान विधानसभा के स्पीकर का प्रतिनिधित्व कर रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि स्पीकर के आदेश को केवल सीमित आधार पर चुनौती दी जा सकती है, लेकिन याचिका में उन आधारों का जिक्र नहीं है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की पीठ कर रही है।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बागी तेवर अपनाने के बाद कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी। बैठक में शामिल न होने पर पायलट गुट के विधायकों पर व्हिप उल्लंघन करने को लेकर कार्रवाई हुई। राज्य विधानसभा अध्यक्ष ने बैठक में अनुपस्थित पायलट समेत 19 विधायकों को सदस्यता खत्म करने को लेकर नोटिस जारी किया था। इसके खिलाफ बागी विधायक हाई कोर्ट चले गए।
वहीं, राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर सचिन पायलट पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा पायलट पिछले भाजपा के साथ मिलकर पिछले छह महीने से सरकार गिराने की साजिश कर रहे थे। कोई भी इस बात पर विश्वास नहीं करता था कि सरकार गिराने की कोशिश हो रही है। किसी को पता नहीं था कि इस तरह के मासूम चेहरे वाला व्यक्ति ऐसा काम करेगा। गहलोत ने इस दौरान पायलट के लिए अमर्यादित शब्द का भी इस्तेमाल किया और कहा कि वो खाली लोगों को लड़वाते हैं। गहलोत ने कहा, ' हमारे विधायक बिना किसी पाबंदी के रह रहे हैं, लेकिन उन्होंने अपने विधायकों को बंदी बना रखे हैं। वे हमें फोन कर रहे हैं और फोन पर रो रहे हैं और अपनी स्थिति के बारे में रहे हैं। उनके निजी मोबाइल फोन छीन लिए गए हैं। उनमें से कुछ हमारे साथ जुड़ना चाहते हैं।'
वहीं राज्य में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद्र कटारिया ने डीजीपी को पत्र लिखकर कांग्रेस नेता महेश जोशी, रणदीप सुरजेवाला और अन्य के खिलाफ भाजपा नेता लक्ष्मीकांत भारद्वाज की शिकायत पर एफआइआर दर्ज करने का अनुरोध किया है।
कुछ देर के ब्रेक के बाद फिर शुरू हुई सुनवाई
विधानसभा स्पीकर के वकील प्रतीक कासलीवाल ने बताया कि लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट में कुछ देर के लिए ब्रेक हुआ था। शाम पांच बजे से फिर सुनवाई शुरू की गई। उन्होंने कहा कि प्रयास यह रहेगा कि आज सुनवाई पूरी हो जाए, ताकि कोर्ट कल तक अपना फैसला सुना दे। यह स्पष्ट हो सके की स्पीकर के समक्ष सुनवाई होगी या नहीं।
भाजपा उपाध्यक्ष ओम माथुर और जेपी नड्डा के बीच हुई चर्चा
समाचार एजेंसी एएनआइ के सूत्रों के अनुसार राजस्थान की गहलोत सरकार में जारी उठापटक के बीच भाजपा उपाध्यक्ष ओम माथुर ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से पार्टी मुख्यालय में चर्चा की।
विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी में गहलोत
इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिन पायलट को पटखनी देने के लिए अगले कुछ दिनों में विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी में हैं। इसी कड़ी में उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से बातचीत की है। सत्र बुलाकर वह अपना बहुमत साबित करेंगे। शनिवार रात को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर गहलोत ने उन्हें 102 विधायकों की सूची सौंपी थी। इस दौरान उन्होंने बहुमत होने का दावा भी किया था। इसके बाद रविवार को राज्यपाल ने अपने स्तर पर कानून के जानकारों से परामर्श किया।
SOG को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने नोटिस भेजा
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, ' राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की टीम ने मेरे निजी सचिव के माध्यम से एक नोटिस भेजा है। नोटिस में, उन्होंने मुझे अपना बयान और आवाज का नमूना रिकॉर्ड करने के लिए कहा है।'
गहलोत समर्थक विधायकों का वीडियो
बता दें कि जयपुर के फेयरमोंट होटल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायक मौजूद है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें सीएम गहलोत के साथ अन्य विधायक 'हम होंगे कामयाब' गाना गा रहे हैं।
— ANI (@ANI) July 20, 2020
नोटिस की संवैधानिकता नहीं- साल्वे
मामले में विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस को पायलट खेमे की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। साल्वे ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान ही व्हिप मान्य होता है। इस सत्र के अलावा व्हिप मान्य नहीं होता। ऐसे में नोटिस देना या सदस्यता रद करने की मांग करना गलत है। उन्होंने कहा कि सदन के बाहर हुई कार्यवाही के लिए स्पीकर द्वारा नोटिस जारी नहीं किया जा सकता। नोटिस की संवैधानिकता नहीं है। उन्होंने दो जजों की बेंच गठित करने की मांग की। इससे पहले मामले की सुनवाई जस्टिस सतीश कुमार शर्मा की बेंच में हुई। सुनवाई शुरू होते ही हरीश साल्वे ने संशोधित याचिका पेश करने का समय मांगा। इस पर कोर्ट ने उन्हें समय दिया।
देर रात तावड़ू के रिजॉर्ट पहुंची एसओजी की टीम
राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की टीम ने देर रात हरियाणा में तावड़ू के बेस्ट वेस्टर्न कंट्री क्लब में दस्तक दी।इसका मुख्य दरवाजा अंदर से बंद था। करीब 20 मिनट तक टीम गेट के बाहर खड़ी रही, लेकिन गेट नहीं खुला और टीम अंदर नहीं जा सकी। इसके कुछ देर बाद एसओजी की टीम वहां से निकल गई। होटल और रिजॉर्ट के आसपास पुलिस और खुफिया विभाग सक्रिय रहा।
इन विधायकों को नोटिस
सचिन पायलट के अलावा सदस्यता रद करने को लेकर विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, भंवरलाल शर्मा, , गजेंद्र सिंह शक्तावत, हेमाराम चौधरी, दीपेंद्र सिंह शेखावत, रामनिवास गावड़िया, इंद्रराज गुर्जर, मुरारीलाल मीणा, गजराज खटाणा, पीआर मीणा, राकेश पारीक, वेद प्रकाश सोलंकी, सुरेश मोदी, मुकेश भाकर, हरीश मीणा, बृजेंद्र ओला व अमर सिंह शामिल हैं।
विधायकों की सदस्ता जाने से विधानसभा का समीकरण बदलेगा
पायलट समेत 19 विधायकों की अगर सदन की सदस्यता खत्म होती है, तो विधानसभा में समीकरण बदल जाएंगे। इसके बाद 200 सदस्यों वाली सदन में 181 सदस्य रह जाएंगे और बहुमत का आंकड़ा 92 होगा। फिलहाल कांग्रेस के पास 107 विधायक हैं।19 विधायकों की सदस्यता खत्म होने पर ये संख्या 88 हो जाएगी। उसे चार अन्य सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी।
यह भी पढ़ें: विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को SOG का नोटिस
यह भी देखें: सचिन पायलट समेत 18 विधायकों की अयोग्यता के मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई