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कौन होगा मध्‍य प्रदेश कांग्रेस का अगला अध्‍यक्ष, किसी आदिवासी नेता को कमान सौंपने की अटकलें

छत्‍तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बाद अब कांग्रेस ने मध्‍य प्रदेश में अध्‍यक्ष की तलाश शुरू कर दी है। इसके लिए पार्टी आदिवासी समुदाय के नेता के चयन पर विचार कर रही है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 03 Jul 2019 09:18 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2019 09:19 AM (IST)
कौन होगा मध्‍य प्रदेश कांग्रेस का अगला अध्‍यक्ष, किसी आदिवासी नेता को कमान सौंपने की अटकलें
कौन होगा मध्‍य प्रदेश कांग्रेस का अगला अध्‍यक्ष, किसी आदिवासी नेता को कमान सौंपने की अटकलें

भोपाल, पीटीआइ। छत्‍तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बाद अब कांग्रेस ने मध्‍य प्रदेश में अध्‍यक्ष की तलाश शुरू कर दी है। इसके लिए पार्टी आदिवासी समुदाय के नेता के चयन पर विचार कर रही है। सनद रहे कि पिछले साल पार्टी को राज्‍य की सत्‍ता में लाने के लिए आदिवासी समुदाय के समर्थन ने अहम भूमिका निभाई थी। फिलहाल, राज्‍य के मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ही मध्‍य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Madhya Pradesh Congress Committee, MPCC) के अध्‍यक्ष हैं।

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पिछले महीने कांग्रेस ने बस्तर के आदिवासी नेता और विधायक मोहन मरकाम को छत्तीसगढ़ का नया प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया था। राज्‍य में भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए योग्य नेता की तलाश की जा रही थी। मोहन मरकाम वर्तमान में कोंडागांव से विधायक हैं। वे दूसरी बार चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे हैं। छत्‍तीसगढ़ में पहली बार किसी आदिवासी नेता को प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) का अध्यक्ष बनाया गया है।

इसके बाद से मध्‍य प्रदेश में भी किसी आदिवासी नेता को ही प्रदेश अध्‍यक्ष बनाए जाने की अटकलें हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि सीएम कमलनाथ का खेमा राज्‍य के गृहमंत्री बाला बच्‍चन (Bala Bachchan) को प्रदेश अध्‍यक्ष बनाए जाने की कोशिशें कर रहा है। जबकि कांग्रेस महासचिव ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के समर्थक उमंग सिंघार (Umang Singhar) को प्रदेश अध्‍यक्ष के रूप में देखना चाहते हैं।

हालांकि, कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समर्थक उमंग सिंघार के विरोध में है। ऐसे में उमंग सिंघार, जो राज्‍य में मंत्री भी हैं, की राह आसान नहीं दिख रही है। एक कांग्रेस नेता ने बताया कि संवेधनशील नियुक्तियों में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी की राय भी ली जाती है। ऐसे में सूत्रों ने कहा कि यदि राज्य में कांग्रेस के नेता बच्चन या सिंघार पर सहमति नहीं बनाते हैं, तो एक अन्य आदिवासी या युवा नेता को इस पद के लिए चुना जा सकता है।


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