Maharashtra Politics: जल्द सरकार गठन के आसार कम, राज्यपाल ने मांगी कानूनी सलाह
राज्यपाल बीएस कोश्यारी ने कानूनी पहलुओं और संवैधानिक मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी से राजभवन में चर्चा की है।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल शुक्रवार को खत्म होने से ऐन पहले राज्यपाल बीएस कोश्यारी ने कानूनी पहलुओं और संवैधानिक मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी से राजभवन में चर्चा की है। इस बीच भाजपा और शिवसेना के बीच की खाई और चौड़ी हो चुकी है। लिहाजा जल्द सरकार गठन के आसार कम होते जा रहे हैं और अंतिम विकल्प के तौर पर राष्ट्रपति शासन का अंदेशा बढ़ता जा रहा है।
सरकार बनाने के लिए कोई राजनीतिक समीकरण सही नहीं बैठते देखकर भाजपा नेताओं का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार की दोपहर राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मिला। विगत 24 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद कोई विकल्प न होने की सूरत में भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने सरकार बनाने का कोई प्रस्ताव राज्यपाल को नहीं दिया। राज्यपाल से मिलने के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि वह सरकार बनने में हो रही देरी के कानूनी पहलुओं पर विचार करने के लिए राज्यपाल से मिले हैं।
अल्पमत सरकार नहीं बनाएंगे: भाजपा
राज्यपाल से मिलने जाने के पहले इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि हम राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा करने नहीं जा रहे हैं। भाजपा किसी भी स्थिति में अल्पमत सरकार नहीं बनाएगी। हालांकि भाजपा नेता नितिन गडकरी और मुनगंटीवार अब भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व में ही सरकार बनने की बात कर रहे हैं। मुनगंटीवार के अनुसार भाजपा सिर्फ वर्तमान परिस्थितियों पर चर्चा करने के लिए राज्यपाल से मिल रही है। भाजपा नेताओं से मुलाकात के तुरंत बाद राज्यपाल कोश्यारी ने राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी को राजभवन बुलाकर चर्चा की।
59 सालों में बस दो बार राष्ट्रपति शासन
चुनाव नतीजे आने के 15 दिन बाद भी महाराष्ट्र जैसे स्थिर राज्य में समय रहते सरकार न बन पाना ऐतिहासिक घटना है। राज्य के 59 सालों के इतिहास में सिर्फ दो बार राष्ट्रपति शासन रहा है। फरवरी-जून, 1980 और बाद में सितंबर-अक्टूबर 2014 में महज 33 दिन राष्ट्रपति शासन लागू हुआ था।
भाजपा राष्ट्रपति शासन थोपना चाहती है: शिवसेना
इधर, 56 विधायकों वाली शिवसेना ने भाजपा पर हमला और तेज करते हुए आरोप लगाया कि वह राज्य पर राष्ट्रपति शासन थोपना चाहती है। अपने विधायकों को संबोधित करते हुए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने साफ कहा कि शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देना हो, तो ही भाजपा नेता उन्हें फोन करे, अन्यथा नहीं। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने भी भाजपा को सलाह दी कि अगर आपके पास बहुमत है, तो आप सरकार बनाएं, नहीं तो जनता के सामने जाकर बताइए कि हम विपक्ष में बैठना चाहते हैं।
महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाएंगे: राउत
राउत ने कहा कि राज्यपाल से भाजपा का प्रतिनिधिमंडल मिलने गया था तो उनका दायित्व बनता है कि वह 145 विधायकों के बहुमत की सूची राज्यपाल को दें। अब सिर्फ दो दिन बाकी हैं। आप जो पेंच डालना चाहते हैं कि यहां किसी की सरकार नहीं बननी चाहिए। ये सरासर संविधान के खिलाफ है। हम भी संविधान और कानून के दायरे में रहकर महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाएंगे। राउत ने सदन में शिवसेना का बहुमत सिद्ध करने का दावा करते हुए कहा कि बिना पर्याप्त समर्थन के हम बात नहीं करते। गुरुवार से शिवसेना के सभी विधायकों को मुंबई के एक होटल में रखा गया है।