Left Party in Assembly Elections : केरल में सत्ता में बरकरार, कई दशकों तक गढ़ रहे बंगाल में नहीं खुला खाता
Left Party in Assembly Elections वाम दलों ने रविवार को केरल में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करके इतिहास लिख दिया लेकिन उस बंगाल में वह एक भी सीट नहीं जीत सके जो कई दशकों तक उनका गढ़ रहा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। वाम दलों ने रविवार को केरल में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करके इतिहास लिख दिया, लेकिन उस बंगाल में वह एक भी सीट नहीं जीत सके, जो कई दशकों तक उनका गढ़ रहा। बंगाल में वाम दलों का राजनीतिक पटाक्षेप 2019 में उस वक्त हो गया, जब वे एक भी सीट नहीं जीत सके थे और अपना पारंपरिक जनाधार भाजपा के हाथों खो बैठे। 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के द्विपक्षीय मुकाबले में एक बार फिर वाम मोर्चे का सफाया हो गया।
बंगाल में प्रदर्शन बहुत निराशाजनक रहा
माकपा पोलित ब्यूरो ने एक बयान में कहा कि बंगाल में संयुक्त मोर्चा और वाम दलों का प्रदर्शन बहुत निराशाजनक रहा। चुनाव नतीजों का विश्लेषण किया जाएगा। भाकपा महासचिव डी. राजा ने कहा, 'बंगाल में वाम दलों को अपनी राजनीतिक धारा और हालात के आकलन को लेकर गंभीर समीक्षा करनी होगी। यह सोचना होगा कि हम क्यों हारे और भाजपा ने अपनी जमीन कैसे मजबूत कर ली।' उधर, केरल में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अगुआई में वाम लोकतांत्रिक मोर्चे ने एक बार फिर जीत हासिल की। वह केरल में तीसरे ऐसे मुख्यमंत्री हो गए जिनकी अगुआई में लगातार दो चुनाव जीते गए।
मोदी-शाह अजेय नहीं : राउत
बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की जबर्दस्त जीत के बाद पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के लिए बधाइयों का तांता लग गया। राकांपा प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भाकपा महासचिव डी. राजा ने उन्हें जीत की बधाई और शुभकामनाएं दीं। राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग करते हुए उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान कही गई उनकी बात याद दिलाई। शाह ने कहा था कि अगर लोग कहेंगे तो वह इस्तीफा दे देंगे। वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, 'ममता बनर्जी ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि मोदी जी और अमित शाह जी अजेय नहीं हैं, उन्हें भी हराया जा सकता है।'