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राष्ट्रपति कोविंद की 'मां कालिका' तो नोबेल विजेता सत्यार्थी की कुलदेवी हैं 'मां दुर्गा'

चैत्र नवरात्र महापर्व पर कुलदेवियों के पूजन की प्राचीन परंपरा का निर्वाह किया जाता है।

By Arti YadavEdited By: Published: Sun, 18 Mar 2018 08:50 AM (IST)Updated: Sun, 18 Mar 2018 10:09 AM (IST)
राष्ट्रपति कोविंद की 'मां कालिका' तो नोबेल विजेता सत्यार्थी की कुलदेवी हैं 'मां दुर्गा'

भोपाल, (नईदुनिया)। आज से हिन्दू नववर्ष आरंभ हो रहा है। चैत्र नवरात्र महापर्व पर कुलदेवियों के पूजन की प्राचीन परंपरा का निर्वाह किया जाता है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की कुलदेवी मां कालिका देवी हैं। वे मूलत: कानपुर (उप्र) के निकट परोख ग्राम के निवासी हैं। उनके बड़े भाई रामस्वरूप भारती गुना में रहते हैं। भारती ने बताया कि हमारा परिवार कुलदेवी के रूप में कालिका देवी की आराधना करता है। मुंडन इत्यादि संस्कार कालिका देवी के स्थान भर्तना लखना जिला इटावा (उप्र) में करते हैं। अब पूरा परिवार कुलदेवी के पूजन अवसर पर एकत्रित तो नहीं होता, लेकिन जो जहां हैं वहीं कुलदेवी की आराधना करते हैं। 

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शिवराज सिंह जाते हैं जैत

मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने गृहग्राम जैत सीहोर जिले में कुलदेवी हरसिद्धि माई का पूजन करने जाते हैं। चौहान के बड़े भाई नरेंद्र सिंह सपरिवार जैत में निवास करते हैं। नरेंद्र सिंह कुलदेवी का पूजन नवरात्र व विशेष अवसर पर करते हैं। इसके अलावा शिवराज सिंह चौहान अपने विधानसभा क्षेत्र बुदनी में सिद्ध देवी स्थल सलकनपुर जाकर मां विजयासन की आराधना करते हैं। 

सिंधिया करते हैं तुलजा भवानी की पूजा

पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर स्थित महल के देवधर मंदिर में कुलदेवी तुलजा भवानी की आराधना करते हैं। सिंधिया के धार्मिक सलाहकार राणा एन. सिंह बताते हैं कि चैत्र नवरात्र पर मंदिर में कुलदेवी पूजन का विशेष आयोजन होता है। परंपरानुसार सिंधिया पूजन-पाठ में भाग लेते हैं। तुलजा भवानी को महागौरी का स्वरूप माना जाता है। 

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह करते हैं अनुष्ठान

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर नवरात्र पर्व पर कुलदेवी मां दुर्गा का विशेष अनुष्ठान अपने ग्वालियर स्थित निज निवास पर करते हैं। तोमर के धार्मिक सलाहकार तानसेन तिवारी बताते हैं कि नवरात्र पर नौ दिन तक मां दुर्गा का अनुष्ठान होता है। 

मां दुर्गा के उपासक हैं सत्यार्थी

नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी का परिवार विदिशा में निवास करता है। उनके भतीजे उमेश शर्मा बताते हैं कि हमारे परिवार में कुलदेवी के रूप में मां दुर्गा की पूजा की जाती है। कैलाश सत्यार्थी मां दुर्गा के उपासक हैं। 

काानसिंह हैं भद्रकाली के भक्त

हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी मां भद्रकाली के भक्त हैं। नवरात्र पर वे मंशापूर्ण मंदिर चंडीगढ़ में पूजन करते हैं। उनके बड़े पुत्र राजेश सोलंकी बताते हैं कि हमारा वंश मूलत: कुरक्षेत्र हरियाणा का है, लेकिन पूर्वज ग्वालियर (मप्र) में वर्षो से निवासरत हैं। मां भद्रकाली को कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है। नवरात्र अथव अन्य अवसरों पर परिवार के सभी लोग कुलदेवी का पूजन करते हैं।

क्या है कुलदेवी का महत्व

कुलदेवी का पूजन हिन्दू परंपरा में अपने गौत्र के अनुसार किया जाता है। मान्यता है कि कुलदेवी परिजनों को हरेक विपत्तियों से बचाती हैं। और यदि कुलदेवी रष्ट हो जाएं तो परिजनों पर विपत्तियां आती हैं। कांची पीठ के महामंडलेश्वर संतोषषानंद महाराज का कहना है कि मन, बुद्घि और चेतना का समन्वय रूप मां शक्ति होती है। गौत्र के अनुसार शक्ति साधना के रूप में नौ देवियों के ही विभिन्न स्वरूप को कुलदेवियों के रूप में पूजन की प्राचीन परंपरा है।


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