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Lal Bahadur Shastri Birth Anniversary: जानिए शास्त्री जी के जीवन से जुड़ी 10 बड़ी बातें

Lal Bahadur Shastri Birth Anniversary देश को जय जवान जय किसान का नारा देने वाले देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की आज 116वीं जयंती है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 08:17 AM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 09:13 AM (IST)
Lal Bahadur Shastri Birth Anniversary: जानिए शास्त्री जी के जीवन से जुड़ी 10 बड़ी बातें

नई दिल्ली, जेएनएन। Lal Bahadur Shastri Birth Anniversary, आज 2 अक्टूबर का दिन देश के लिए काफी ऐतिहासिक और गौरव का दिन है। आज के दिन देश की दो महान विभूतियों की जयंती है। आज देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती है। वहीं आज के ही दिन जय जवान जय किसान का नारा देने वाले  देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 116वीं जयंती है। हमेशा सादगी भरा जीवन जीने वाले लाल बहादुर शास्त्री एक कुशल और गांधीवादी विचार वाले नेता थे। शास्त्री जी काफी शांत स्वभाव के थे। आइए आज उनकी जयंती पर जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी दस बस बड़ी बातें..

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1. लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर सन् 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। उनको घर में सबसे छोटे होने के नाते प्यार से 'नन्हें' बुलाया जाता था।

2. शास्त्री जी के पिता का नाम मंशी प्रसाद श्रीवास्तव था और माता का नाम राम दुलारी था। शास्त्री जी की पत्नी का नाम ललिता देवी था। 

3. बचपन में ही शास्त्री जी के पिता की मौत होने के कारण वह अपनी मां के साथ नाना के घर मिर्जापुर चले गए, जहां उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने विषम परिस्थितियों में शिक्षा हासिल की।

4. शास्त्री जी को लेकर कहा जाता है कि उन्होंने विषम परिस्थितिओं में पढ़ाई जारी रखी। गांवों में स्कूल की कमी होने के कारण वह नदी तैरकर रोज स्कूल जाया करते थे।

5. लाल बहादुर शास्त्री जब काशी विद्यापीठ से संस्कृत की पढ़ाई करके निकले तब उन्हें 'शास्त्री' की उपाधि दी गई। इसके बाद उन्होंने अपने नाम के आगे शास्त्री लगा लिया।

6. लाल बहादुर शास्त्री जी का विवाह सन् 1928 में ललिता शास्त्री के साथ हुआ, उनकी दो बेचियां और चार बेटे थे।

7. 16 साल की उम्र में शास्त्री जी ने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और गांधी जी के साथ असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए। 

8. देश के अन्य नेताओं की भांति शास्त्री जी में भी देश को आजाद कराने की ललक थी लिहाजा वह 1920 में ही आजादी की लड़ाई में कूद पड़े थे। उन्होंने 1921 के गांधी से असहयोग आंदोलन से लेकर कर 1942 तक अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। इस दौरान कई बार उन्हें गिरफ्तार भी किया गया और पुलिसिया कार्रवाई का शिकार बने।

9. भारत की आजादी के बाद शास्त्री जी 1951 में दिल्ली आ गए और केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई विभागों में काम किया। उन्होंने रेल मंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, गृह मंत्री समेत कई मंत्री पद संभाले।

10. साल 1964 में शास्त्री जी उस वक्त देश के प्रधानमंत्री बने, जब 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ।

पाकिस्तान से युद्ध के दौरान देश में अन्न की कमी हो गई। देश भुखमरी की समस्या से गुजरने लगा था। उस संकट के काल में लाल बहादुर शास्त्री ने अपना तनख्वाह लेना बंद कर दिया। देश के लोगों से लाल बहादुर शास्त्री ने अपील की थी कि वो हफ्ते में एक दिन एक वक्त व्रत रखें।

ताशकंद में ली अंतिम सांस

उन्होंने 11 जनवरी, 1966 को ताशकंद में अंतिम सांस ली थी। 10 जनवरी, 1966 को ताशकंद में पाकिस्तान के साथ शांति समझौते पर करार के महज 12 घंटे बाद (11 जनवरी) लाल बहादुर शास्त्री की अचानक मृत्यु हो गई। कुछ लोग उनकी मृत्यु को आज भी एक रहस्य के रूप में देखते हैं।


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