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Kulbhushan Jadhav Verdict: पहली बार अपने नागरिक के लिए ICJ गया भारत

Kulbhushan Jadhav Verdict कुलभूषण जाधव मामले से पहले पाकिस्तान में पहले भी कई भारतीय नागरिकों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और उन्हें सजा भी दी गई है।

By TaniskEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 11:02 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 11:02 PM (IST)
Kulbhushan Jadhav Verdict: पहली बार अपने नागरिक के लिए ICJ गया भारत
Kulbhushan Jadhav Verdict: पहली बार अपने नागरिक के लिए ICJ गया भारत

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली।Kulbhushan Jadhav Verdict: पूर्व में भी दुनिया के कई देशों में और पड़ोसी पाकिस्तान में भी कई भारतीय नागरिकों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और उन्हें सजा भी दी गई है। लेकिन यह पहला मौका है जब भारत ने अपने नागरिक की रिहाई के लिए ना सिर्फ कूटनीतिक लड़ाई लड़ी है, बल्कि उसे आगे भी एक सकारात्मक अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश जारी रखेगा। विदेश मंत्रालय के अधिकारी स्वीकार भी करते हैं कि यह बहुत कुछ राजनीतिक नेतृत्व की वजह से भी संभव हुआ है। भारत इस तरह का आक्रामक रवैया अपना कर पड़ोसी देश पाकिस्तान को भी यह संदेश देना चाहता है कि वह बलूचिस्तान में आतंक के नाम पर झूठ नहीं फैला सकता।

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सूत्रों की मानें तो जब से भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर अलग थलग किया है तभी से वह इसका जवाब देने की साजिश रच रहा है। पिछले कुछ वर्षो से बलूचिस्तान में भारतीय एजेंटों के होने का आरोप वहां से लगाया जा रहा है। भारत ने हालांकि इसके बारे में एक भी ठोस सबूत आज तक नहीं पेश कर पाया। ऐसे में भारतीय नौ सेना के पूर्व कमांडो कुलभूषण जाधव को पूरी साजिश के तहत ईरान से गिरफ्तार किया गया और उसे भारतीय एजेंट बता कर फांसी की सजा भी सुना दी गई। सूत्रों के मुताबिक भारत के लिए जाधव को लेकर पाकिस्तान की कलई खोलना इसलिए भी जरुरी था कि आगे वह भारत पर इस तरह का अनर्गल आरोप नहीं लगा सके।

दरअसल, पाकिस्तान जाधव को लेकर पहले दिन से ही झूठ पर झूठ बोल रहा है। उसका पहला झूठ था कि जाधव भारत का खुफिया एजेंट है। जबकि जाधव को जब पाकिस्तान के अधिकारियों ने पकड़ा तो उनके पास उनका अपना वास्तविक पासपोर्ट था और कोई खुफिया एजेंट अपने असली पासपोर्ट से ऐसा नहीं करता है। जाधव शिपिंग के कारोबार से जुड़े हुए हैं और उनका ईरान आना जाना था जहां से पाकिस्तान ने उनको किडनैप किया है। पाक का दूसरा झूठ था कि जाधव का कबूलनामा था।

उन्हें पकड़ने की खबर सार्वजनिक करने के कुछ ही दिनों बाद पाकिस्तान सेना ने जाधव का एक कबूलनामा वीडियो जारी किया था। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने जब इस वीडियो की जांच की तो इसमें पता चला कि जाधव की तरफ से यह बयान नहीं है बल्कि उसे कुछ लिख कर दिया गया है जिसे वह पढ़ रहा है। यही नहीं पूरे वीडियो में जाधव को मुस्कुराते हुए दिखाया गया है। यह भी सनद रहे कि पूर्व पीएम नवाज शरीफ के विदेश सलाहकार सरताज अजीज ने दिसंबर में स्वयं माना था कि जाधव के खिलाफ सिर्फ उसके बयान हैं, कोई ठोस सबूत नहीं है।

पाकिस्तान ने यह भी झूठ बोला था कि जाधव को बचाव का मौका मिला। पाकिस्तान आर्मी एक्ट के तहत वहां फील्ड जेनरल कोर्ट मार्शल (एफजीसीएम) में मुकद्दमा चलाया गया है लेकिन इसकी विश्वसनीयता एक 'कंगारू' कोर्ट से ज्यादा की नहीं है। यहां आरोप तय करने से लेकर सजा सुनाने तक का काम बेहद गोपनीय तरीके से होता है। भारत बार बार अपने राजनयिक को जाधव से मिलने की इजाजत मांगता रहा लेकिन इसकी इजाजत नहीं दी गई। अब आइसीजे के फैसले से पाक का यह झूठ भी सामने आ गया है।


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