Kolkata Violence: विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ने की जांच को एसआइटी गठित
गौरतलब है कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के नेता एक-दूसरे पर मूर्ति तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस मामले में जुड़े और पांच लोगों के नाम का पता चला है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान कोलकाता में हुई हिंसा में समाजसेवी ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़े जाने के मामले में जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन कर दिया गया है। पुलिस उपायुक्त (उत्तर) के नेतृत्व में गठित एसआइटी पता लगाएगी कि विद्यासागर कॉलेज स्थित इस प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने के पीछे किस पार्टी के कार्यकर्ताओं का हाथ है।
गौरतलब है कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के नेता एक-दूसरे पर मूर्ति तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस मामले में जुड़े और पांच लोगों के नाम का पता चला है। उन सब की शिनाख्त की कोशिश हो रही है। वहीं, पुलिस को दो वीडियो फुटेज भी हाथ लगे हैं।
अब तक इस मामले में 58 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 10 लोगों पुलिस ने बैंकशाल कोर्ट में पेशकर 14 दिनों की रिमांड पर लिया है। पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि बाहरी लोग विद्यासागर कॉलेज कैंपस में जबरन घुस गए थे। कोलकाता पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या किसी ने हिंसा के लिए उकसाया था या अशांति फैलाने के लिए साजिश रची गई थी।
इसी के फलस्वरूप कैंपस के अंदर हिंसा भड़की तथा विद्यासागर की मूर्ति को तोड़ दिया गया। कोलकाता पुलिस ने इस संबध में कई भाजपा नेताओं से पूछताछ की है, जिसमें दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा भी शामिल हैं। हालांकि, बग्गा ने ऐसे किसी भी आरोप को खारिज कर दिया है। कोलकाता पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में तीन एफआइआर दर्ज की हैं, जिसमें अमित शाह का भी नाम है।
गिरफ्तार किए गए लोगों में 35 कॉलेज में हुई हिंसा के सिलसिले में पकड़े गए हैं। अब तक कुल 111 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। कोलकाता पुलिस अब वीडियो फुटेज देख रही है ताकि बवाल करने वालों की पहचान की जा सके।
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