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तोड़ दिया गया वह मकान, जिसे बचाने को विधायक आकाश विजयवर्गीय ने अधिकारियों को पीटा था

नगर निगम अधिकारियों पर बल्ले से पीटाई करने वाला मामले ने तूल पकड़ लिया था वहीं अब नगर निगम की रिमूवल टीम ने डेढ़ घंटे में उस मकान को ध्वस्त कर दिया है जिसको लेकर विवाद हुआ था।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 05 Jul 2019 08:38 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 10:50 PM (IST)
तोड़ दिया गया वह मकान, जिसे बचाने को विधायक आकाश विजयवर्गीय ने अधिकारियों को पीटा था
तोड़ दिया गया वह मकान, जिसे बचाने को विधायक आकाश विजयवर्गीय ने अधिकारियों को पीटा था

नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर में वह मकान तोड़ दिया गया है, जिसे बचाने के लिए भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश ने नगर निगम के अधिकारियों की पिटाई कर दी थी। नगर निगम की रिमूवल टीम के 150 लोगों का अमला सुबह 10.15 बजे मौके पर पहुंचा। डेढ़ घंटे में मकान ध्वस्त कर दिया गया।

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गौरतलब है कि 26 जून को इस मकान पर कार्रवाई के दौरान विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा क्रिकेट के बल्ले से निगम अफसरों को पीटने के बाद मामला गर्मा गया था। यह मामला इतना सुर्खियों में रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नसीहत देनी पड़ी थी। भाजपा संसदीय दल की बैठक में उन्होंने पार्टी को सख्त संदेश देते हुए कहा था कि बेटा किसी का भी हो, उसकी मनमानी नहीं चलेगी।

माफीनामा से निपट सकता है बल्लाकांड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चेतावनी के बाद 'बल्ला कांड' में भाजपा ने आकाश विजयवर्गीय को कारण बताओ नोटिस तो जारी कर दिया पर अब आगे की कार्रवाई के लिए हाईकमान के इशारे का इंतजार है। पार्टी नेताओं की मानें तो सारा मामला माफीनामा के साथ निपटाया जा सकता है। पार्टी नेताओं ने जो लाइन तैयार की है, उसके मुताबिक नया विधायक होने के साथ ही गलती स्वीकार कर माफी मांग लेने के बाद प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाला जा सकता है।

सूत्रों का कहना है कि संघ भी इस पक्ष में नहीं है कि आकाश के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। दूसरी वजह प्रदेश में भाजपा के विधायकों की संख्या पहले ही 109 से घटकर 108 बची है, अब पार्टी और खतरा नहीं लेना चाहती है।

अब निगम की कार्रवाई का भाजपा के पूर्व विधायक ने किया विरोध
भोपाल के एमपी नगर जोन वन में अवैध ठेले और गुमटियों को हटाने के दौरान भाजपा के पूर्व विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह ने विरोध किया। करीब छह घंटे बाद बिना कार्रवाई किए ही नगर निगम का अमला बैरंग लौटा गया। निगम अधिकारियों के अनुसार शनिवार को कार्रवाई की जाएगी।

पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीबों को सताया जा रहा है। पहले उनको जगह दी जाए ताकि उनकी रोजी रोटी चलती रहे। फिर हटाने की बात हो। यदि गलत तरीके से कार्रवाई की जाती है तो हम मंत्रालय के अधिकारियों का घेराव करेंगे।


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