नागरिकता संशोधन कानून पर क्या है RSS की नीति, विहिप ने भी साधी चुप्पी
नागरिकता संशोधन कानून पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने संयम बरतने की नीति बनाई है।आरएसएस विवाद को हिंदू-मुस्लिम का रूप नहीं देना चाहता है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नागरिकता संशोधन कानून पर देश के विभिन्न भागों में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों पर संघ परिवार से जुड़े संगठनों और स्वयंसेवकों को संयम बरतने को कहा गया है। यहां तक विहिप ने भी इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।
संघ के अनुसार यह साफ होने के बाद भी कि भारतीय मुसलमानों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा जिस तरह से हिंसा घटनाएं हो रही हैं, उसे पूरा देश देख रहा है, इससे जुड़े लोग खुद ही बेनकाब हो रहे हैं। इसका विरोध करने वाले इसे हिंदु-मुसलमान बनाने का प्रयास कर रहे हैं, ऐसे में संघ का इससे दूरी बनाए रखना ही उचित है।
विहिप के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और उस दौरान हुई हिंसा से निपटने का काम सरकार का है और वह अपना काम कर रही है। उनके अनुसार राजनीतिक कारणों से इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश हो रही है और ऐसा करने वाले लोग खुद ही बेनकाब भी हो रहे हैं।
सरकार और भाजपा इस कानून के खिलाफ किये जा रहे दुष्प्रचार का जवाब भी दे रही है। ऐसे में संघ की ओर से कानून के समर्थन में सड़कों पर उतरना कहीं से उचित नहीं होगा। यही कारण है कि संघ ने अपने सभी आनुषंगिक संगठनों को नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में भी प्रदर्शन करने से मना कर दिया है।