Maharashtra Political Crisis: जानें, किस पीएम के कार्यकाल में कितनी बार राष्ट्रपति शासन लगा
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगया जाता है। राष्ट्रपति शासन लगते ही सत्ता की बागडोर राज्य के राज्यपाल के पास चली जाती है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर हो रही खींचातान को देखते हुए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा कर दी है। आइये जानते हैं कि महाराष्ट्र में कब-कब राष्ट्रपति शासन लगा।
पहली बार
1980 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार के पास विधानसभा में पर्याप्त बहुमत होने के बावजूद केंद्र में इंदिरा गांधी सरकार ने राजनीतिक हालात बिगड़ने पर विधानसभा को भंग कर दिया था। इसकी वजह से महाराष्ट्र में पहली बार 17 फरवरी, 1980 से 8 जून 1980 तक अर्थात 112 दिन तक राष्ट्रपति शासन लगा था।
दूसरी बार
इसी तरह 28 सितंबर 2014 को भी महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। उस वक्त राज्य में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की सरकार थी। मुख्यमंत्री के पद को लेकर दोनों पार्टी अलग हो गई थीं और इसी के साथ विधानसभा भंग कर दी गई थी। ऐसे में 28 सितंबर 2014 से लेकर 30 अक्टूबर, 2014 तक यानि 32 दिनों तक राज्य में दूसरी बार राष्ट्रपति शासन लागू रहा।
प्रधानमंत्री कार्यकाल राष्ट्रपति शासन लागू हुआ
जवाहरलाल नेहरू अगस्त, 1947 से मई, 1964 8
लाल बहादुर शास्त्री जून, 1964 से जनवरी, 1966 1
इंदिरा गांधी जनवरी, 1966 से मार्च, 1977 35
मोरारजी देसाई मार्च, 1977 से जून, 1979 16
चरण सिंह जुलाई, 1979 से जनवरी, 1980 4
इंदिरा गांधी जनवरी, 1980 से अक्टूबर, 1984 15
राजीव गांधी अक्टूबर, 1984 से दिसंबर, 1989 6
वीपी सिंह दिसंबर, 1989 से नवंबर, 1990 2
चंद्रशेखर नवंबर, 1990 से जून, 1991 5
पीवी नरसिम्हा राव जून, 1991 से मई, 1996 11
एचडी देवेगौड़ा जून, 1996 से अप्रैल, 1997 1
अटल बिहारी वाजपेयी मार्च, 1999 से मई, 2004 5
मनमोहन सिंह मई, 2004 से मई, 2014 12
नरेंद्र मोदी मई, 2014 से अबतक 3
क्या है राष्ट्रपति शासन
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगया जाता है। राष्ट्रपति शासन लगते ही सत्ता की बागडोर राज्य के राज्यपाल के पास चली जाती है।
इसलिए लगता है राष्ट्रपति शासन
- गठबंधन का ढह जाना
- असेंबली में बहुमत का न होना
- किन्हीं अपरिहार्य कारणों से चुनाव का न हो पाना
- जब राज्य की विधानसभा अपना मुख्यमंत्री नहीं चुन पाती
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