CAA पर बोले केरल के राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान- संसद से पास कानून के खिलाफ धारणा बनाना गलत
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ केरल सरकार द्वारा अखबारों में दिए गए विज्ञापनों का उल्लेख करते हुए उन्होंने यह बात कही।
वडोदरा, एजेंसियां। केरल के राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान ने रविवार को यहां कहा कि संसद से पास कानून के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक संसाधनों का इस्तेमाल कर एक धारणा बनाना अनुचित है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ केरल सरकार द्वारा अखबारों में दिए गए विज्ञापनों का उल्लेख करते हुए उन्होंने यह बात कही।
'सीएए के अभियान को आगे ना ले जाएं'
संवाददाताओं से बातचीत करते हुए आरिफ मुहम्मद खान ने कहा कि सीएए के खिलाफ अभियान को आगे नहीं ले जाया जाना चाहिए क्योंकि यह संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा, 'मैं अपनी संवैधानिक व्यवस्था में यकीन करता हूं। केंद्र और राज्य के बीच किसी तरह के झगड़े की कोई गुंजाइश नहीं है। देश की प्रगति के लिए संतुलन आवश्यक है।'
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने अगस्त, 1947 में, जवाहर लाल नेहरू ने 15 अगस्त, 1947 को और राजेंद्र प्रसाद ने भी कहा था कि विभाजन के चलते जो लोग पाकिस्तान जा रहे हैं, अगर उन्हें वहां बराबर का अधिकार नहीं मिलता है तो उन्हें वापस लौटने का पूरा हक है। इस नैतिक जिम्मेदारी को सीएए के जरिए कानूनी रूप दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इससे प्रभावित होने वाले लोग पाकिस्तान और बांग्लादेश के सीमावर्ती राज्यों में हैं, केरल में नहीं। केरल में कोई विदेशी नागरिक नहीं रहता है। वहीं, नागपुर में रविवार को सीएए के खिलाफ आयोजित रैली में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि केंद्र सरकार कानून बना सकती है, लेकिन उसे लागू करने का काम राज्य सरकारों का है।
महाराष्ट्र में हमारी सरकार है। इस कानून को लागू किया जाएगा या नहीं इसका फैसला राज्य सरकार को करना है। रैली में मौजूद राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में सीएए लागू नहीं किया जाएगा। बता दें कि सीएए को 10 जनवरी से लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है।