Karnataka MLC Election: पूर्व सीएम येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को भाजपा ने नहीं बनाया उम्मीदवार, जानें ट्वीट कर क्या कहा
Karnataka MLC Election कर्नाटक विधानपरिषद चुनाव के लिए भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है। भाजपा ने पूर्व सीएम येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को टिकट नहीं दिया है। विजयेंद्र ने इसको लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
बेंगलुरु, पीटीआइ। कर्नाटक विधान परिषद चुनाव में टिकट मिलने की उम्मीद लगा रहे पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र (B Y Vijayendra) को भाजपा से झटका लगा है। भाजपा ने मंगलवार को अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है जिसमें से विजयेंद्र का नाम नदारद है। टिकट ना दिए जाने के बाद विजयेंद्र ने पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राजनीति का अंतिम उद्देश्य सत्ता और पद ही नहीं हैं।
विजयेंद्र ने ट्वीट कर अपने समर्थकों और शुभचिंतकों को पार्टी के निर्णय का पालन करने के लिए कहा है। उन्होंने अपने समर्थकों से अनावश्यक टिप्पणी ना करने की भी अपील की है। विजयेंद्र ने कहा कि इससे न केवल पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान होगा बल्कि भावनाओं को भी ठेस पहुंचेगी।
My appeal to all fellow Karyakarthas and supporters of @BJP4India.@JPNadda @AmitShah @blsanthosh @JoshiPralhad pic.twitter.com/7C4UH3haky
— Vijayendra Yeddyurappa (@BYVijayendra) May 24, 2022
उन्होंने कहा, 'मेरी पार्टी और पार्टी नेतृत्व ने हमेशा मुझे प्रोत्साहित किया है। जब से मैंने राजनीति में प्रवेश किया है, मुझे पार्टी की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष के रूप में काम करने का मौका दिया है। मैं सभी कार्यकर्ताओं और मेरे समर्थकों से ये समझने की अपील करता हूं कि राजनीति में शक्ति और पद अंतिम उद्देश्य नहीं हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'मैं अपने समर्थकों को संदेश देना चाहता हूं कि सोशल मीडिया या कहीं और किए गए उनके अनावश्यक कमेंट से न केवल हमारी पार्टी की साख कमजोर होगी बल्कि येदियुरप्पा जी और मेरी भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।'
विजयेंद्र ने आगे कहा कि उनके पिता ने पार्टी को बनाने के लिए अपनी पूरी जिंदगी समर्पित कर दी। उन्होंने कहा, 'उनके दशकों का संघर्ष, लोगों की दुआएं और पार्टी द्वारा दिए गए मौकों के जरिए उन्होंने दक्षिण भारत में पार्टी के लिए दरवाजे खोले।' शुरुआत में ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि विजयेंद्र 2023 की विधानसभा चुनावों में ओल्ड मैसूर के किसी सीट से खड़े हो सकते हैं। उन्होंने भी इसके लिए रूचि दिखाई थी कि यदि पार्टी ऐसा फैसला लेती है तो वो इस इलाके में काम करना चाहेंगे।