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कर्नाटक में धर्मांतरण विरोधी बिल के विरोध में बेंगलुरु के आर्कबिशप, वापस लेने की अपील

कर्नाटक में धर्मांतरण विरोधी विधेयक को वापस लेने के लिए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को बेंगलुरु के आर्कबिशप ने की अपील है। उन्होंने कहा कि केवल ईसाई समुदाय के धार्मिक कर्मियों और पूजा स्थलों संस्थानों और प्रतिष्ठानों का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिए।

By Pooja SinghEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 07:47 AM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 07:47 AM (IST)
कर्नाटक में धर्मांतरण विरोधी बिल के विरोध में बेंगलुरु के आर्कबिशप, वापस लेने की अपील

बेंगलुरु, एएनआइ। कर्नाटक में धर्मांतरण विरोधी विधेयक को वापस लेने के लिए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को बेंगलुरु के मेट्रोपॉलिटन आर्कबिशप पीटर मचाडो ने की अपील है। उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि यह राज्य में बदमाशों के लिए कानून को अपने हाथ में लेने और माहौल को खराब करने का एक उपकरण बन जाएगा। साथ ही दावा किया कि पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने प्रशासन और पुलिस इंटेलिजेंस को केवल ईसाई समुदाय के धार्मिक कर्मियों और पूजा स्थलों, संस्थानों और प्रतिष्ठानों का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिए। ऐसे में मुख्यमंत्री को आर्कबिशप ने अनुरोध किया कि कथित आदेशों को वापस लिया जाए।

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आर्कबिशप ने संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का हवाला देते हुए कहा, 'इस तरह के कानूनों को पेश करने से नागरिकों, विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों का उल्लंघन होगा। साथ ही कहा कि धर्मांतरण विरोधी बिल, कानून का गलत इस्तेमाल करने का एक उपकरण बन जाएगा। साथ ही कहा कि अगर सरकार अभी भी ‘धर्मांतरण विरोधी’ विधेयक पेश करने पर आमादा है, तो हमें डर है कि यह केवल गलत हाथों में पड़ जाएगा जो ईसाई समुदाय को निशाना बनाएंगे और हमारे चर्चों और संस्थानों पर हमला करेंगे। जो निश्चित रूप से सांप्रदायिक दंगों को बढ़ाने और समाज में शांति भंग करने का काम करेगा।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बोम्मई ने हाल ही में कहा था कि सरकार राज्य में जबरदस्ती या प्रलोभन के जरिए धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून लाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। बता दें कि उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों में पहले से ही जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कानून हैं।


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