जस्टिस जोसेफ: सिब्बल का सरकार पर हमला, न्यायपालिका के इतिहास में आज काला दिन
सिब्बल ने कहा कि भारतीय न्यायपालिका में आज का दिन काला दिवस के रूप में याद किया जाएगा। यह सरकार का घमंड है।
नई दिल्ली, जेएनएन। उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर नियुक्ति को लेकर शुरू हुआ विवाद थम नहीं रहा है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने जस्टिस जोसेफ की वरीयता कम करने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। सिब्बल ने कहा, 'सरकार ने ये मैसेज दिया है कि अगर कोई जज उनके पक्ष में निर्णय नहीं देता है तो उसका इलाज भी किया जा सकता है। भारतीय न्यायपालिका में आज का दिन काला दिवस के रूप में याद किया जाएगा। यह सरकार का घमंड है।'
जस्टिस जोसेफ ने ली शपथ
मंगलवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस के तौर पर शपथ ग्रहण की। वरिष्ठता के आधार पर जस्टिस इंदिरा बनर्जी, विनीत सरन और केएम जोसेफ शपथ ग्रहण की। बता दें कि केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए भेजे गए वरिष्ठता के आधार पर जस्टिस जोसेफ का नाम तीसरे नंबर पर है। दरअसल, एक ही दिन शपथ लेने पर जो जज पहले शपथ लेता है, वो सीनियर हो जाता है। इसके चलते सीनियरिटी के क्रम में सबसे नीचे जस्टिस जोसेफ हैं। इसी को लेकर विवाद छिड़ा है।
जस्टिस जोसेफ के मसले पर सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजों ने आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है कि केंद्र ने पदोन्नति में उनकी (जस्टिस जोसेफ) वरिष्ठता को कम कर दिया है। हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में नियमों के अनुसार ही काम कर रही है। उसका कहना है कि वरिष्ठता व परंपरा के अनुसार ही नोटिफिकेशन जारी किया गया है।