MP Political Crisis: आज इस्तीफा दे सकते हैं कमल नाथ, मुख्यमंत्री ने दोपहर 12 बजे बुलाई प्रेस कांफ्रेंस
विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति द्वारा 16 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने के बाद मुख्यमंत्री के रणनीतिकारों को लगने लगा है कि शक्ति परीक्षण की राह अब आसान नहीं है।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। मप्र विधानसभा में शुक्रवार को शक्ति परीक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के बाद बदले सियासी घटनाक्रम से इस बात की संभावना बढ़ गई है कि विधानसभा में बहुमत परीक्षण से पहले मुख्यमंत्री कमल नाथ इस्तीफा दे दें। यह संभावना नाथ द्वारा शुक्रवार दिन में 12 बजे अपने निवास पर पत्रकार वार्ता आयोजित करने से बढ़ी है। बदली परिस्थिति में भाजपा ने विस का अंकगणित अपने पक्ष में होने का दावा किया है, वहीं नाथ भी अपने कुनबे को अंतिम समय तक एकजुट रखने में जुटे हैं।
सूत्रों के अनुसार गुरुवार शाम तक नाथ इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि उन्हें शक्ति परीक्षण को लेकर और समय मिल सकता है, लेकिन जैसे ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार का समय तय किया गया, वैसे ही सरगर्मी बढ़ी और उन्होंने अपने खास मंत्रियों से मंत्रणा की। रात को मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के निवास पर हुई विधायक दल की बैठक में नाथ कुछ समय के लिए पहुंचे और विधायकों के बीच छोटा-सा संबोधन देकर लौट आए।
सामूहिक इस्तीफे के भी कयास
विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति द्वारा 16 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने के बाद मुख्यमंत्री के रणनीतिकारों को लगने लगा है कि शक्ति परीक्षण की राह अब आसान नहीं है। सूत्र बताते हैं कि नाथ की शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस के बाद विस में शक्ति परीक्षण की स्थिति ही निर्मित न हो। एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री के साथ कांग्रेस के सभी विधायक भी सामूहिक इस्तीफा दे दें।
विधानसभा का अंक गणित हमारे साथ : भाजपा
भाजपा नेता व पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने दावा किया कि विस का अंकगणित भाजपा के साथ है और हर हाल में भाजपा शक्ति परीक्षण में बाजी मार लेगी। सिंह ने उन संभावनाओं को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि कुछ भाजपा के विधायक कांग्रेस के खेमे में जा सकते हैं।
कुनबे को एकजुट रखने में जुटी सरकार
उधर, अपने 22 विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद भी कांग्रेस सरकार अपने कुनबे को एकजुट रखने की हर संभव कोशिशों में जुटी हुई है। मुख्यमंत्री की पिछले चार-पांच दिन से भोपाल के एक होटल में जमा हर विधायक की गतिविधियों पर बारीकी से नजर है।
विस की दलीय स्थिति-
कुल सदस्य संख्या- 230
रिक्त स्थान- 24 (22 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद)
प्रभावी सदस्य संख्या- 206
बहुमत के लिए चाहिए -103
कांग्रेस- 91 (अध्यक्ष को मिलाकर 92)
भाजपा- 107
निर्दलीय- चार
बसपा- दो
सपा- एक
अब यह स्थिति बनी
- विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 103 सदस्यों का समर्थन चाहिए होगा, क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष को छोड़ 205 विधायक मतदान में हिस्सा लेंगे।
- 22 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने के बाद अब कांग्रेस की सदस्य संख्या 91 (अध्यक्ष को मिलाकर 92) रह गई है।
- निर्दलीय, बसपा और सपा के सात विधायकों का समर्थन कमल नाथ सरकार को बरकरार रहता है तो सदस्य संख्या 99 होगी।
- भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी लगातार मुख्यमंत्री कमल नाथ के संपर्क में हैं, इसलिए माना जा सकता है कि वे मतदान में सरकार के साथ रहेंगे। ऐसे में सरकार के पास विधायकों की संख्या 100 हो जाएगी।
- कमल नाथ सरकार को बहुमत साबित करने के लिए भाजपा के नारायण त्रिपाठी के अलावा चार अन्य विधायकों के समर्थन की दरकार रहेगी।
-भाजपा का दावा है कि सपा-बसपा और निर्दलीय में से तीन विधायक उसके साथ हैं।
व्हिप जारी कर चुके हैं सभी दल
- समाजवादी पार्टी ने अपने एक मात्र विधायक राजेश शुक्ला को कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने के लिए व्हिप जारी किया है।
- भाजपा व्हिप जारी कर चुकी है। ऐसी सूरत में पार्टी लाइन के विपरीत मतदान करने वाले विधायकों की सदस्यता जा सकती है।
- कांग्रेस विधायक दल की ओर से भी व्हिप जारी किया जा चुका है। पार्टी निर्णय के बाहर जाने पर विधायकों की सदस्यता जा सकती है।
विधानसभा अध्यक्ष का वोट कब
- विधानसभा अध्यक्ष शक्ति परीक्षण के दौरान दोनों दलों को समान मत मिलने की सूरत में ही मतदान करते हैं।