MP Political Crisis: राहु काल के कारण दो घंटे देरी से भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया
ग्वालियर राजघराने के श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया के सफेद कुर्ता-पायजामा और काली जैकेट पर भगवा गमछा दिखाई दिया।
नई दिल्ली, आइएएनएस। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के लिए मंच सज चुका था और सभी अड़चनें दूर हो चुकी थीं। उन्हें दोपहर 12:30 बजे पार्टी में शामिल होना था लेकिन कोई भी नेता तय समय पर नहीं पहुंचा। सूत्रों ने कहा कि कार्यक्रम को कुछ देर के लिए टाला गया क्योंकि उस समय राहु काल शुरू हो गया था।
तय समय पर न तो कोई भाजपा नेता पहुंचा और न ही सिंधिया
भाजपा के मीडिया सेल ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में बुधवार दोपहर 12:30 बजे सिंधिया के पार्टी में शामिल होने का संदेश भेजा था। लेकिन तय समय पर मीडिया आडिटोरियम में न तो कोई भाजपा नेता पहुंचा और न ही सिंधिया। शुरू में माना गया कि लोकसभा सत्र के कारण ऐसा हुआ होगा। जल्दी ही लोकसभा की कार्यवाही स्थगित हो गई और उसके बाद भी भाजपा का कोई नेता वहां नहीं आया।
12:30 बजे से राहु काल शुरू होने से कार्यक्रम डेढ़ घंटे के लिए टाल दिया गया था
तब सूत्रों ने बताया कि 12:30 बजे से राहु काल शुरू हो गया है। यही कारण है कि पार्टी ने डेढ़ घंटे के लिए कार्यक्रम टाल दिया।
दो पीढ़ी के बाद सिंधिया राजघराने के 'श्रीमंत' एक बार फिर भगवा रंग में
दो पीढ़ी के बाद सिंधिया राजघराने के 'श्रीमंत' एक बार फिर भगवा रंग में आए हैं। ग्वालियर राजघराने के 'श्रीमंत' ज्योतिरादित्य सिंधिया के सफेद कुर्ता-पायजामा और काली जैकेट पर भगवा गमछा दिखाई दिया तो पुरानी खटास याद आ गई। भगवा रंग में रंगे सिंधिया भाजपा नेताओं से कैसे पटरी बैठा पाएंगे।
सोशल मीडिया में ट्रेंड करता रहा मप्र का सियासी घटनाक्रम
सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद दोनों ही प्रमुख दल (भाजपा-कांग्रेस) के नेताओं ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया की झड़ी लगा दी है। ट्विटर, फेसबुक व वॉट्सएप पर प्रदेश का सियासी घटनाक्रम ट्रेंड करता रहा।
दिग्विजय ने गोडसे की 'पिस्तौल' से किया तंज
कांग्रेस के तारणहार और सिंधिया के विरोधियों में गिने जाने वाले वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से सिंधिया पर निशाना साधा। उन्होंने सिंधिया को भाजपा में शामिल होने की बधाई दी है और चुटकी ली। एक अन्य ट्वीट में महात्मा गांधी को मारने के लिए नाथूराम गोडसे ने जिस पिस्तौल का इस्तेमाल किया था, वह ग्वालियर की थी।