Move to Jagran APP

जानिए, कैसे दादी का इतिहास दोहराने की तैयारी में है सिंधिया, बाजी पलटी तो भाजपा के हर फैसले में होगा दखल

मध्यप्रदेश और राजस्थान की राजनीति में इस परिवार का बोलबाला है। यह संयोग है कि सिंधिया 18 वर्षो तक कांग्रेस की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बाद भगवा ध्वज लहराने आए हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 15 Mar 2020 08:17 PM (IST)Updated: Mon, 16 Mar 2020 07:33 AM (IST)
जानिए, कैसे दादी का इतिहास दोहराने की तैयारी में है सिंधिया, बाजी पलटी तो भाजपा के हर फैसले में होगा दखल
जानिए, कैसे दादी का इतिहास दोहराने की तैयारी में है सिंधिया, बाजी पलटी तो भाजपा के हर फैसले में होगा दखल

आनन्द राय, भोपाल। मध्यप्रदेश के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम में श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया नए सिरे से प्रासंगिक हो गए हैं। राज्य में 1967 का इतिहास दोहराने की तैयारी हो रही है और अगर निशाना सटीक रहा तो अपनी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया की तरह ही श्रीमंत कांग्रेस की बाजी पलटने में एक अहम किरदार साबित होंगे। जाहिर है कि फिर भाजपा के हर फैसले में उनका दखल बढ़ेगा।

loksabha election banner

राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ सरकार को सोमवार को बहुमत साबित करने का पत्र लिखकर परीक्षा की कसौटी पर खड़ा कर दिया है। यह दिन कांग्रेस के साथ ही भाजपा के भविष्य के लिए भी सर्वाधिक अहम है। इस अहमियत को आधार देने में श्रीमंत की ही सबसे अहम भूमिका है। कांग्रेस में उनके समर्थक 22 विधायकों ने कमलनाथ सरकार गिराने की बुनियाद तैयार कर दी है।

समर्थकों के लिए खुलेगी नई राह

सिंधिया तो भाजपा में शामिल हो गए हैं, लेकिन अब उनके समर्थकों के लिए भी नई राह खुलेगी। निस्संदेह भाजपा को संजीवनी देने वाले अपने सहयोगियों को प्रतिष्ठित करने में वह कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। सिंधिया का दखल सिर्फ दल की राजनीति में ही नहीं बढ़ेगा, बल्कि अगर भाजपा की सरकार बनती है तो सरकार के साथ ही नौकरशाही में भी उनके चहेतों को प्रतिष्ठित किया जाएगा। यही वजह है कि संगठन, सरकार और नौकरशाही के केंद्र में शिवराज सिंह चौहान की ही तरह सिंधिया भी आ गए हैं।

राजमाता ने 52 साल पहले गिराई थी कांग्रेस सरकार

मध्यप्रदेश और राजस्थान की राजनीति में इस परिवार का बोलबाला है। यह अजब संयोग है कि सिंधिया 18 वर्षो तक कांग्रेस की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बाद भगवा ध्वज लहराने आए हैं, जबकि उनकी दादी राजमाता विजयराजे सिंधिया भी 1957 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर शिवपुरी से लोकसभा का चुनाव जीती थीं और बाद में वह जनसंघ में शामिल हो गई। जनसंघ के विधायकों के सहयोग से उन्होंने 1967 में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की डीपी मिश्र सरकार को गिरा दिया था। उनके ही सहयोग से गोविंद नारायण सिंह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। इतिहास ने करवट ली और वही दृश्य पुन: उपस्थित हो गया। सिंधिया की दादी राजमाता का मध्यप्रदेश की सियासत में इतना जबर्दस्त दखल था कि उन्होंने कांग्रेस के किले को हिला दिया था।

कांग्रेस से भाजपा ने ले लिया पुराना बदला

कांग्रेसियों ने उनके पुत्र और 1971 में पहली बार गुना से सांसद बने माधवराव सिंधिया को ही अपना मोहरा बना लिया। वह राजमाता और जनसंघ से विद्रोह कर 1980 में कांग्रेस में शामिल हुए और जीवन पर्यत कांग्रेस के साथ जुड़े रहे। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को चुनाव में पराजित भी किया पर भाजपा ने ज्योतिरादित्य को अपने साथ जोड़कर 40 वर्षो बाद अपना बदला ले लिया। अब अपनी दादी की तरह ही श्रीमंत भी मास्टर स्ट्रोक चलाने के लिए तैयार हैं। यह ध्यान रहे कि राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मध्यप्रदेश सरकार की पूर्व मंत्री यशोधरा राजे, ज्योतिरादित्य की सगी बुआ हैं और दोनों भाजपा की राजनीति में सक्रिय हैं। यह भी एक सुखद संयोग है कि परिवार में चौतरफा भगवा फहराने की खुशी 40 वर्ष बाद मिली है।

चार दशक बाद परिवार से निकला सामूहिक स्वर

ज्योतिरादित्य के भाजपा में शामिल होने का एलान होते ही राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भावुक हो गई थीं। उन्होंने ट्वीट भी किया कि आज यदि राजमाता साहब हमारे बीच होतीं तो आपके इस निर्णय पर जरूर गर्व करतीं। ज्योतिरादित्य ने राजमाताजी द्वारा विरासत में मिले उच्च आदर्शो का अनुसरण करते हुए देशहित में यह फैसला किया है, जिसका मैं व्यक्तिगत और राजनीतिक दोनों ही तौर पर स्वागत करती हूं। वसुंधरा के ट्वीट को यशोधरा ने री-ट्वीट किया और सिंधिया ने आभार जताया था। विचारधारा के स्तर पर भी चार दशक बाद परिवार से एक सामूहिक स्वर निकला है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.