राहुल गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में केंद्रीय मंत्री तोमर को झारखंड HC से बड़ी राहत
Jharkhand High Court. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को बड़ी राहत मिली है। राहुल गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के एक मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 11 Jun 2019 03:02 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jun 2019 11:22 AM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand High Court - केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शिकायत वाद के एक मामले में जस्टिस एके गुप्ता की अदालत ने निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। मामले में अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी। दरअसल 2016 में धनबाद में एक रैली के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि नरेंद्र मोदी मूंछ के बाल हैं और कांग्रेस (Congress) के राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पूंछ के बाल हैं।
इसके बाद धनबाद के कांग्रेसी नेता एमके आजाद ने इसको लेकर निचली अदालत में शिकायतवाद दर्ज कराया था। कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए कृषि मंत्री तोमर को समन जारी किया था। इसको हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। सुनवाई के बाद पूर्व में अदालत ने मामले में रोक लगा दी थी। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया कि छह माह पुराने रोक (स्टे) के मामले स्वत: निरस्त माने जाएंगे।
इस आधार पर धनबाद की निचली अदालत ने पांच जून 2019 को नरेंद्र तोमर के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए पांच जुलाई तक अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया। उनकी ओर से इसी आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। सुनवाई के दौरान वादी के अधिवक्ता सौमित्रो बोराई ने अदालत को बताया कि पूर्व में अदालत ने प्रतिवादी को नोटिस जारी किया था, लेकिन वह हाई कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहे हैं। साथ ही निचली अदालत में गलत तथ्यों के आधार पर अदालत को गुमराह कर रहे हैं। इसके बाद अदालत ने निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगा दी।
इसके बाद धनबाद के कांग्रेसी नेता एमके आजाद ने इसको लेकर निचली अदालत में शिकायतवाद दर्ज कराया था। कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए कृषि मंत्री तोमर को समन जारी किया था। इसको हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। सुनवाई के बाद पूर्व में अदालत ने मामले में रोक लगा दी थी। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया कि छह माह पुराने रोक (स्टे) के मामले स्वत: निरस्त माने जाएंगे।
इस आधार पर धनबाद की निचली अदालत ने पांच जून 2019 को नरेंद्र तोमर के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए पांच जुलाई तक अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया। उनकी ओर से इसी आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। सुनवाई के दौरान वादी के अधिवक्ता सौमित्रो बोराई ने अदालत को बताया कि पूर्व में अदालत ने प्रतिवादी को नोटिस जारी किया था, लेकिन वह हाई कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहे हैं। साथ ही निचली अदालत में गलत तथ्यों के आधार पर अदालत को गुमराह कर रहे हैं। इसके बाद अदालत ने निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगा दी।
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