कर्नाटक गवर्नर के फैसले के खिलाफ जेठमलानी भी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए भाजपा को आमंत्रित करने के राज्यपाल के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। वरिष्ठ अधिवक्ता और कानूनविद राम जेठमलानी ने कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए भाजपा को आमंत्रित करने के राज्यपाल (गवर्नर) के फैसले को व्यक्तिगत हैसियत से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जेठमलानी का कहना है कि राज्यपाल ने अपने संवैधानिक अधिकारों का गंभीर दुरुपयोग किया है और उनके इस कृत्य से संवैधानिक पद की गरिमा गिरी है।
- कहा, संवैधानिक अधिकारों का किया गंभीर दुरुपयोग
प्रधान न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने जेठमलानी की तत्काल सुनवाई की दलील पर विचार करते हुए कहा कि वह अपनी दलीलें 18 मई को जस्टिस एके सीकरी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष रखें जो कांग्रेस और जदएस की याचिकाओं पर आगे सुनवाई करेगी। इस पीठ में जस्टिस एसए बोब्दे और जस्टिस अशोक भूषण भी शामिल हैं। याचिका में जेठमलानी ने कहा है कि वह किसी पार्टी के समर्थन या विरोध में नहीं हैं बल्कि राज्यपाल के असंवैधानिक फैसले ने उन्हें आहत किया है।
एंग्लो-इंडियन विधायक के मनोनयन पर रोक की मांग
कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा विधानसभा में एंग्लो-इंडियन सदस्य के रूप में विनिशा नीरो के मनोनयन पर कांग्रेस-जदएस ने रोक लगाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दोनों पार्टियों ने कहा है कि सदन में बहुमत परीक्षण तक यह मनोनयन नहीं होना चाहिए। इस याचिका पर सुनवाई भी जस्टिस एके सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ही करेगी।