Economic package: केंद्रीय मंत्री जावडेकर ने कहा- हम सिर्फ घोषणा नहीं, काम करते हैं
जावडेकर ने कहा कि 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज के तहत जो कदम उठाए है उससे कृषि और एमएसएमई के क्षेत्र में व्यापक सुधार होगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना संकटकाल में सरकार के पैकेज पर सवाल खड़ा करने वाले लोगों को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कड़ा जवाब दिया और कहा कि यह यूपीए युग जैसी घोषणाएं नहीं है, बल्कि जो घोषणाएं की जा रही है, उस पर तेजी से अमल भी किया जा रहा है। इसके साथ ही जो लोगों के हाथों में पैसा नहीं देने की बात कर रहे है, शायद उनकी याददाश्त थोड़ी कम है, सरकार ने गरीबों के लिए घोषित अपने पहले प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 1.7 लाख करोड़ रुपए दिए थे। इसके तहत 39 करोड़ से अधिक लोगों को लगभग 35 हजार करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता भी मिल चुकी है।
जावडेकर ने कहा- आठ करोड़ किसानों, 20 करोड़ जनधन खाताधारी महिलाओं को दी गई सीधी मदद
जावडेकर ने कहा कि इस पैकेज के तहत जिन लोगों को अब तक सीधी मदद दी गई है, उनमें आठ करोड़ से अधिक किसान शामिल है, जिनके खाते में दो हजार रुपए डाल दिए गए है, इसके साथ ही 20 करोड़ जनधन खाताधारी महिलाओं के खाते में भी पैकेज के तहत पहली और दूसरी किश्त भेज दी गई है। इसके साथ ही 80 करोड़ लोगों को राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा कानून के तहत कवर किया जा रहा है। इसके तहत प्रति व्यक्ति को पांच किलो अनाज और प्रति परिवार एक किलो दाल दी जाती है। यह सब बगैर किसी लीकेज के लिए सीधे लोगों तक पहुंच रहा है।
जावडेकर ने कहा- यूपीए ने अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया था
सरकार के फैसले पर सवाल उठाने वालों को भी उन्होंने जवाब दिया और कहा कि यूपीए की तथाकथित ऋण माफी को शायद कोई भूला नहीं होगा। जो किसानों तक किसी भी ठीक तरीके से नहीं पहुंच सकी थी, साथ ही उनसे अर्थव्यवस्था को भी चौपट कर दिया था। वहीं मोदी सरकार सीधे लोगों तक पहुंच रही है और जांच- परख कर उपाय कर रही है। इसके साथ ही राज्यों को वित्तीय संकट से उबारने के लिए उधार लेने की सीमा भी बढ़ा दी है। यह राज्यों के लिए अतिरिक्त चार लाख करोड़ रुपए सुनिश्चित करता है। इसके बाद भी कुछ लोग इसे संघीय विरोधी भावना के विरुद्ध बता रहे है।
कोरोना संकट को भांप कर मोदी ने तेजी से कदम उठाए, जिसकी तारीफ पूरी दुनिया कर रही
उन्होंने कहा कि सच्चा नेतृत्व वहीं होता है, जो संस्थागत सुधार को प्रेरित करने और प्रोत्साहित करने के बारे में होता है। भारत सौभाग्यशाली है, कि इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसका नेतृत्व कर रहे है, जो अवसरों को पूरी तरह से समझते है। कोरोना के संकट को भांप कर उन्होंने जिस तरीके से सधे हुए और तेजी से कदम उठाए है, उनकी अब देश के साथ- साथ पूरी दुनिया में भी तारीफ हो रही है।
20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज से एमएसएमई के क्षेत्र में व्यापक सुधार होगा
उन्होंने कहा कि आरबीआई की ओर से इस साल की शुरुआत में किए गए वित्तीय उपायों और 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज के तहत जो कदम उठाए है, उससे कोविड संकटकाल के बाद देश के विकास को गति मिलेगी। साथ ही रोजगार देने वाले कृषि और एमएसएमई के क्षेत्र में व्यापक सुधार होगा। जिससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।