जावडेकर ने कहा- जम्मू-कश्मीर में समवर्ती सूची में शामिल 37 केंद्रीय कानून होंगे लागू
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में समवर्ती सूची में शामिल 37 केंद्रीय कानूनों को लागू करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक आदेश जारी किया है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में समवर्ती सूची में शामिल 37 केंद्रीय कानूनों को लागू करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक आदेश जारी किया है। यह फैसला पूरे देश में एक विधान के पालन के लिए किया गया है। साथ ही जम्मू और कश्मीर में प्रशासन का प्रभावी होना सुनिश्चित करने और सुगमता से बदलाव करने के लिए किया गया है।
कैबिनेट की बैठक में लिया गया समवर्ती सूची के कानूनों पर फैसला
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बुधवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है। अभी तक कश्मीर घाटी में जो 37 कानून लागू नहीं थे, वह अब लागू हो जाएंगे। इससे यह सुनिश्चित होगा कि पूरे देश में संविधान के तहत पारित कानून लागू हैं। ऐसा इसलिए किया गया ताकि नवगठित केंद्र शासित प्रदेश में संविधान के पालन में कोई अस्पष्टता न रहे। यह वह केंद्रीय कानून हैं जिनमें बदलाव और संशोधनों की जरूरत है।
केंद्र सरकार को है इन कानूनों में समायोजन और बदलाव करने का अधिकार
इन केंद्रीय कानूनों को जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा-96 के तहत अंगीकार किया जा रहा है। इस धारा के तहत केंद्र सरकार को कानूनों में समायोजन और बदलाव करने का अधिकार है। केंद्र सरकार ऐसा कानून भंग करके या उसमें संशोधन करके कर सकती है।
पूरे भारत में लागू सभी केंद्रीय कानून अब जम्मू और कश्मीर में भी होंगे लागू
इसके बाद जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि पूर्ववर्ती जम्मू और कश्मीर को छोड़कर पूरे भारत में लागू सभी केंद्रीय कानून अब पुनगर्ठित जम्मू और कश्मीर में 31 अक्टूबर, 2019 लागू होंगे।
जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा-96 संसद में हो चुका पारित
ध्यान रहे कि इसी अधिनियम को संसद में पारित करके पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाया गया था। साथ ही इस राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था। इसमें जम्मू और कश्मीर विधानसभा के साथ था और लद्दाख बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। इसके चार दिन बाद 9 अगस्त, 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसे मंजूरी देकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विभाजन को मूर्त रूप दे दिया था।