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कश्मीर मुद्दे को लेकर गृह मंत्री अमित शाह सक्रिय, पद संभालते ही राज्यपाल से की मुलाकात

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गृहमंत्री का पद संभालते ही जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को मिलने के लिए बुलाया और राज्य में जमीनी हालात विकास और परिस्थितियों की जानकारी ली।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 01 Jun 2019 05:42 PM (IST)Updated: Sun, 02 Jun 2019 11:26 AM (IST)
कश्मीर मुद्दे को लेकर गृह मंत्री अमित शाह सक्रिय, पद संभालते ही राज्यपाल से की मुलाकात

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भाजपा की ऐतिहासिक जीत के रणनीतिकार अमित शाह ने गृहमंत्री का कार्यभार संभाल लिया है। मंत्रालय का कार्यभार संभालते ही अमित शाह ने साफ कर दिया कि देश की सुरक्षा और देशवासियों का कल्याण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। गृहमंत्री के रूप में शाह ने पहले दिन सभी मंत्रालय के सभी अधिकारियों से शिष्टाचार मुलाकात की और कामकाज का लेखा-जोखा लिया। यही नहीं उन्होंने इस दौरान  जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात कर कश्मीर को लेकर अपना रूख जाहिर कर दिया।  उनके साथ ही मंत्रालय में उनके दोनों राज्यमंत्रियों नित्यानंद राय और जी कृष्ण रेड्डी ने भी कार्यभार संभाल लिया।

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इससे पहले कार्यभार संभालने के बाद अमित शाह ने अपने ऊपर भरोसा जताने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। उन्होंने इस दौरान कहा 'देश की सुरक्षा और देशवासियों का कल्याण मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, मोदी जी के नेतृत्व मैं इसको पूर्ण करने का हर सम्भव प्रयास करूंगा।' वैसे अमित शाह की मौजूदगी का असर गृहमंत्रालय के भीतर साफ-साफ देखा जा सकता था। शनिवार होने के बावजूद मंत्रालय में सभी अधिकारी मौजूद थे और शाह के लिए प्रजेंटेशन की तैयारी कर रहे थे। शाह के गृहमंत्री बनने के बाद आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों के खात्मे की बात चर्चा में थी। यहां तक कि राज्यमंत्री का पदभार संभालने वाले नित्यानंद राय से जब आंतरिक सुरक्षा की चुनौती के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जहां अमित शाह का नाम आता है, वहां सभी चुनौती समाप्त हो जाती है।

अध्यक्ष के रूप में भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले अमित शाह की गृहमंत्रालय में भव्य स्वागत हुआ। गृह सचिव राजीव गौबा और आइबी प्रमुख राजीव कुमार ने बाहर गेट पर उनका स्वागत किया। मंत्रालय के भीतर कोरीडोर में बड़ी संख्या में कर्मचारी शाह की एक झलक पाने और उनका फोटो खींचने के लिए मौजूद थे। इसके लिए उनकी सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किये गए थे। भाजपा की ओर से मुरलीधर राव, अनिल बलूनी और संजय मयूख उनके स्वागत के लिए मंत्रालय में थे। लेकिन अमित शाह ने उन्हें बता दिया कि नार्थ ब्लॉक में वे पार्टी अध्यक्ष नहीं, बल्कि देश के गृहमंत्री हैं। इसीलिए उन्हें चंद मिनट में वापस भेज दिया गया। इसके बाद अमित शाह का अधिकारियों के साथ बैठकों का सिलसिला शुरू हुआ।

शुरू में गृह सचिव और आइबी प्रमुख ने शाह को गृहमंत्रालय के क्रियाकलापों और आंतरिक सुरक्षा के मौजूदा हालात की जानकारी दी। अमित शाह उनसे लगातार विभिन्न मुद्दों को विस्तार से समझते रहे। बीच-बीच में केरल के राज्यपाल व भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश पी सदाशिवम, महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव और उत्तराखंड के सीएम से औपचारिक मुलाकात करते रहे। वहीं औपचारिक मुलाकात करने आए जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से शाह ने राज्य के हालात पर लंबी चर्चा की। मलिक ने उन्हें ताजा स्थिति से अवगत भी।

गृहमंत्रालय के विभिन्न विभागों के कामकाज की विस्तृत समीक्षा शाम को चार बजे शुरू हुई। डेढ़ घंटे तक विभिन्न विभागों के संयुक्त सचिवों ने अपना-अपना प्रजेंटेशन दिया और अमित शाह देर तक उनसे सवाल-जवाब करते रहे।

जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात 
अमित शाह ने पद को संभालते ही कश्मीर को लेकर अपना रूख जाहिर कर दिया। उन्होंने पहले ही दिन जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के साथ अपने दफ्तर में बैठक की। बैठक के बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा  'मैंने उन्हें राज्य में जमीनी हालात, विकास और परिस्थितियों के बारे में जानकारी दी।' इस दौरान दोनों के बीच अमरनाथ यात्रा को लेकर भी बातचीत हुई। इसे लेकर उन्होंने कहा 'हम अमरनाथ यात्रा के लिए तैयार हैं, लोगों के सहयोग से यह पिछले साल की तरह इस बार भी सफल होगा।' 

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