अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को लेकर फिर हुई जयशंकर-ब्लिंकन की वार्ता
जयशंकर और ब्लिंकन ने इससे पहले सोमवार को अफगानिस्तान के हालात के बारे में बातचीत की थी। इस दौरान जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया था कि काबुल हवाई अड्डे पर विमानों की आवाजाही बरकरार रखी जाए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अफगानिस्तान के बदले हालात ने भारत और अमेरिका को एक-दूसरे के और करीब ला दिया है। इसका पता दोनों देशों के बीच चल रहे उच्चस्तरीय विमर्श के दौर से चलता है। गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच एक बार फिर चर्चा हुई है। दोनों के बीच पिछले एक हफ्ते में यह दूसरी वार्ता है।
अफगानिस्तान पर फिर हुई जयशंकर-ब्लिंकन की वार्ता
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जयशंकर और ब्लिंकन के बीच अफगानिस्तान को लेकर ही खास तौर पर बातचीत हुई है। इस वार्ता के बारे में दोनों देशों की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ खास नहीं बताया गया है। ब्लिंकन के विदेश मंत्री बनने के बाद उनकी जयशंकर ने छह बार बातचीत हो चुकी है।
काबुल हवाई अड्डे पर विमानों की आवाजाही बरकरार रखी जाए
जयशंकर और ब्लिंकन ने इससे पहले सोमवार को अफगानिस्तान के हालात के बारे में बातचीत की थी। इस दौरान जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया था कि काबुल हवाई अड्डे पर विमानों की आवाजाही बरकरार रखी जाए।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत और अमेरिका के बीच उच्च स्तर पर संपर्क
दैनिक जागरण को कूटनीतिक सूत्रों ने बताया है कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत और अमेरिका के बीच लगातार उच्च स्तर पर संपर्क बना हुआ है। दोनों देश अभी अपने-अपने नागरिकों व दूसरे लोगों को काबुल व दूसरे शहरों से निकालने में जुटे हैं, लेकिन उनके बीच अफगानिस्तान में हो रहे बदलाव को लेकर भी कूटनीतिक विमर्श का दौर चल रहा है।
अफगानिस्तान में भारत और अमेरिका के साझा हित
भारत और अमेरिका के बीच वार्ता वाशिंगटन में भी हो रही है और नई दिल्ली में भी। दोनों देश यह मान रहे हैं कि अफगानिस्तान में उनके साझा हित हैं।