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सुप्रीम कोर्ट से चिदंबरम को राहत नहीं, याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई, कांग्रेस समर्थन में उतरी

सुप्रीम कोर्ट से भी कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को आज कोई राहत नहीं मिली।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 03:28 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 05:17 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट से चिदंबरम को राहत नहीं, याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई, कांग्रेस समर्थन में उतरी
सुप्रीम कोर्ट से चिदंबरम को राहत नहीं, याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई, कांग्रेस समर्थन में उतरी

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट से भी कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को आज कोई राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम की याचिका को त्रुटिपूर्ण बताते हुए कहा कि इसे आज लिस्टिंग के लिए नहीं भेजा जा सकता है। अब याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है। इधर, प्रवर्तन निदेशालय ने चिदंबरम के खिलाफ फ्रेश लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। ऐसे में चिदंबरम के सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। ऐसे में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी खुलकर चिदंबरम के समर्थन में उतर आए हैं। प्रियंका का कहना है कि सरकार चिदंबरम का चरित्र हनन कर रही है।

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अब शुक्रवार को होगी सुनवाई
चिदंबरम का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने पूर्व वित्त मंत्री की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि मेरे चिदंबरम कहीं भाग नहीं रहे हैं। हालांकि, कपिल सिब्‍बल को सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए निराश कर दिया कि याचिकाकर्ता की याचिका दोषपूर्ण है और इसके त्रुटिरहित होने के बाद ही लिस्टिंग के लिए भेजा जा सकता है। जस्टिस एनवी रमण ने कहा कि इससे अधिक हम और कुछ नहीं कर सकते। 

सीबीआइ-इडी से दाखिल की कैविएट
सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदम्बरम की गिरफ्तारी से राहत मांगने वाली याचिका के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दी है। अब कोर्ट कैविएट दायर करने वालों का पक्ष सुने बिना मामले में कोई फैसला नहीं सुना सकता है। इधर, प्रवर्तन निदेशालय ने चिदंबरम के खिलाफ फ्रेश लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। इससे चिदंबरम की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। सीबीआइ लगातार चिदंबरम की तलाश कर रही है।

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लुकआउट नोटिस पर सवाल
चिदंबरम कहां हैं, ये किसी को भी पता नहीं है। ऐसे में चिदंबरम के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया। लेकिन सीबीआइ द्वारा जारी किए गए लुकआउट नोटिस पर भी कपिल सिब्बल ने सवाल उठाया। उन्‍होंने कहा, 'मेरे क्लाइंट कहीं भाग नहीं रहे और न छुपे हैं। इसके बावजूद उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया। सीबीआइ ने उनके घर के बाहर भी नोटिस चस्पा किया है।' बता दें कि ईडी की टीम मंगलवार शाम को चिदंबरम के घर पहुंची थीं, लेकिन चिदंबरम अपने घर पर नहीं मिले। इसके अलावा सीबीआई की टीम भी उनके घर पर मंगलवार शाम को गई थी, उनके घर पर नहीं मिलने पर सीबीआई ने उनके घर के बाहर दो घंटे में पेश होने का नोटिस लगा दिया था। बुधवार सुबह सीबीआइ की टीम उनके घर फिर पहुंची, लेकिन बुधवार सुबह भी सीबीआइ टीम को निराश लौटना पड़ा।

हाईकोर्ट से लगा झटका
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट से चिदंबरम को तगड़ा झटका लगा। कोर्ट ने मंगलवार दोपहर चिदंबरम की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। इसके चंद मिनट बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। गिरफ्तारी पर तीन दिन की अंतरिम राहत देने की मांग करते हुए कोर्ट में फिर अर्जी लगाई, लेकिन उस पर भी उन्‍हें राहत नहीं मिली।

चिदंबरम के समर्थन में कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी लगातार चिदंबरम के साथ खड़ी नजर आ रही है। प्रियंका गांधी ने चिदंबरम को बेहद सम्मानित सांसद और जनप्रतिनिधि बताया तो राहुल गांधी ने भी उनके समर्थन में ट्वीट किया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार चिदंबरम का चरित्र हनन कर रही है। प्रियंका गांधी व राहुल गांधी ने बुधवार को पी चिदंबरम के समर्थन में ट्वीट किया और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है। प्रियंका ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘बहुत ही योग्य व राज्‍यसभा के सम्‍मानित सदस्‍य पी चिदंबरम जी ने दशकों गृह मंत्री व वित्‍त मंत्री के तौर पर हमारे देश की पूरी ईमानदारी और कर्तव्‍यनिष्‍ठा के साथ सेवा की। उन्‍होंने बिना किसी झिझक के सच्‍चाई का साथ दिया है और सत्तारूढ़ सरकार की असफलताओं पर से पर्दा उठाया, लेकिन यही सच्‍चाई उनके लिए संकट बन गई। हम उनके साथ हैं और सच्‍चाई के लिए संघर्ष करते रहेंगे, चाहे जो भी परिणाम हो।'

पी. चिदंबरम पर क्या हैं आरोप?
बता दें कि वित्त मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) ने दो उपक्रमों को मंजूरी दी थी। आइएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई, 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए मीडिया समूह को दी गई एफआइपीबी मंजूरी में अनियमितताएं हुई। इसके बाद ईडी ने पिछले साल इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।

क्या है INX मीडिया केस?
आइएनएक्स मीडिया केस साल 2007 में आइएनएक्स मीडिया को मिले पैसों के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) से मंजूरी मिलने से जुड़ा हुआ है। 305 करोड़ रुपये के इस हाई प्रोफाइल घोटाले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का भी नाम शामिल है। सीबीआई और ईडी केस में जांच कर रही है कि कैसे पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को 2007 में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से आईएनएक्स मीडिया के लिए मंजूरी मिल गई थी, जबकि उस वक्त वित्त मंत्री खुद उनके पिता पी. चिदंबरम थे। सीबीआई और ईडी की जांच में ये पता चला कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाने के लिए आईएनएक्स मीडिया के निदेशक पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी ने पी. चिदंबरम से मुलाकात की थी, जिससे विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी में कोई देरी ना हो।


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