PM Modi और Xi Jinping की अनौपचारिक मुलाकात, जानें- किस तरह है रणनीतिक संबंधों के लिए बेहतर
चीन में भारतीय निर्यात की संभावना बहुत अधिक है। यह 18 अरब डॉलर तक हो सकता है जो अमेरिका को किए जाने वाले 16.8 अरब डॉलर के निर्यात से भी ज्यादा है।
चेन्नई, प्रेट्र। भारतीय निर्यात संगठनों के परिसंघ (FIEO) ने शनिवार को कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अनौपचारिक शिखर बैठक दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों के लिए बेहतर है। इससे एशिया के दो बड़े देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूती तो मिलेगी ही विवाद के मुद्दों को सुलझाने का मौका भी मिलेगा।
FIEO के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने एक बयान में कहा कि चेन्नई शिखर वार्ता व्यापार और अन्य मुद्दों को सुलझाने के लिए एक व्यवहारिक रचनात्मक तरीका है। उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसियों के बीच मतभेद नए नहीं हैं और इनके समाधान की कुंजी रचनात्मक बातचीत और परामर्श ही है।
सराफ ने कहा कि चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा चिंता का विषय है। पिछले वित्तीय वर्ष में यह 53 अरब डॉलर (लगभग 37000 करोड़ रुपये) था। इससे भी ज्यादा चिंता का विषय चीन द्वारा भारतीय सामान के लिए अपने बाजार को नहीं खोलना है।
चीन में भारतीय निर्यात की संभावना बहुत अधिक है। यह 18 अरब डॉलर (13000 करोड़ रुपये) तक हो सकता है जो अमेरिका को किए जाने वाले 16.8 अरब डॉलर के निर्यात से भी ज्यादा है। भारतीय डेयरी उत्पाद, सोयाबीन, कई फलों और दवा कंपनियों के लिए चीन अपने बाजार नहीं खोल रहा। उन्होंने कहा कि भारत बड़ा बाजार है और चीन के 25 फीसद के मुकाबले 15 फीसद कार्पोरेट टैक्स की दर के निवेश के लिए आकर्षक स्थल है।
FIEO ने चीनी नागरिकों को पांच साल के मल्टीपल इंट्री वीजा की सुविधा दिए जाने का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि चीन भी भारतीय नागरिकों को इस तरह की सुविधा प्रदान करेगा।