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हर मोर्चे पर लोहा मनवाने वाली भारतीय सेना ने पेश की इंसानियत की ऐसी मिसाल, जानिए- कैसे

बच्चे के माता-पिता ने भी भारतीय अधिकारियों से अपने बच्चे के शव को तुरंत वापस करने की अपील की थी जिसे मानवीय आधार पर तत्काल मान लिया गया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 09:13 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 07:21 AM (IST)
हर मोर्चे पर लोहा मनवाने वाली भारतीय सेना ने पेश की इंसानियत की ऐसी मिसाल, जानिए- कैसे
हर मोर्चे पर लोहा मनवाने वाली भारतीय सेना ने पेश की इंसानियत की ऐसी मिसाल, जानिए- कैसे

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हर मोर्चे पर लोहा मनवाने वाली भारतीय सेना ने गुरुवार को इंसानियत की ऐसी मिसाल पेश की, जिससे एक बार फिर कड़क और सख्त दिखने वाली भारतीय सेना का कोमल हृदय वाला चेहरा भी सामने देखने को मिला। दरअसल पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) से नदी में बहकर आए सात वर्षीय बच्चे आबिद शेख का शव ना केवल सेना ने नदी से बाहर निकाला, बल्कि प्रोटोकॉल की परवाह किए बिना मासूम का शव पाकिस्तानी सेना को सौंप दिया। जिससे बच्चे का शव जल्द से जल्द उसके माता-पिता तक पहुंच सका।

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मिली जानकारी के मुताबिक पीओके के गिलगिट-बाल्टिस्तान के एक गांव से बहकर आए सात साल के आबिद शेख का शव सेना ने बिना समय व्यर्थ किए निकाला। बच्चे का शव लाइन ऑफ कंट्रोल के निकट बुर्जिल नाला से बरामद किया गया। जिसके तुरंत बाद भारतीय अधिकारियों ने बच्चे का शव पाकिस्तान को सौंपने की प्रक्रिया शुरू की।

बताया गया कि यहां के स्थानीय लोगों को गुरेज के अचूरा गांव में भारत और पाकिस्तान के बीच बहने वाली किशन गंगा नदी में एक बच्चे का शव बहते हुए दिखा था, जिसकी जानकारी सेना को दी गई। सूचना मिलने के साथ ही मौके पर पहुंचे सेना के जवानों ने शव को बाहर निकाला और पहचान करने के बाद पाकिस्तान को हॉटलाइन पर इसकी सूचना दी।

उधर, बच्चे के माता-पिता ने भी भारतीय अधिकारियों से अपने बच्चे के शव को तुरंत वापस करने की अपील की थी, जिसे मानवीय आधार पर तत्काल मान लिया गया और स्थानीय लोगों के सहयोग से भारतीय सेना ने बच्चे के शव को सौंप दिया। बताया जा रहा है कि पीओके के मिनिमर्ग का रहने वाला आबिद स्कूल से घर लौटते वक्त लापता हो गया था।


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