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सुषमा स्वराज आज यूएन असेंबली की बैठक में लेंगी हिस्सा, ट्रंप भी रहेंगे मौजूद

विदेश मंत्रियों की बैठक में बताया जाएगा कि किस तरह से पाकिस्तान के रवैये की वजह से सार्क की राह कठिन होती जा रही है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 08:22 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 07:46 AM (IST)
सुषमा स्वराज आज यूएन असेंबली की बैठक में लेंगी हिस्सा, ट्रंप भी रहेंगे मौजूद
सुषमा स्वराज आज यूएन असेंबली की बैठक में लेंगी हिस्सा, ट्रंप भी रहेंगे मौजूद

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आज यूएन असेंबली की बैठक में हिस्सा लेंगी। इस बैठक में अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूद रहेंगे। बताया जा रहा है पाकिस्तान सरकार को आतंक के मुद्दे पर अभी कुछ और खरी-खरी सुनने को मिलेगी। संयुक्त राष्ट्र की सालाना बैठक में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की तरफ से 29 सितंबर, 2018 को दिया जाने वाले भाषण में आतंक के मुद्दे पर पाकिस्तान को आईना दिखाने वाला होगा। यही नहीं उसके पहले गुरुवार को वहीं पर सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी स्वराज के तेवर काफी तल्ख रहेंगे। स्वराज ने पिछले वर्ष इसी मंच से पाकिस्तान को 'आंतक का निर्यात करने वाली फैक्ट्री' कहा था जिसको लेकर वहां काफी बवाल हुआ था।

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यूएन की सालाना बैठक में हिस्सा लेने न्यूयार्क पहुंची स्वराज

सूत्रों के मुताबिक अगर दोनो देशों के विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय मुलाकात का एजेंडा कायम रहता तो शायद स्वराज के भाषण का तेवर कुछ और होता। यही नहीं सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक का माहौल भी दूसरा होता। लेकिन भारत की तरफ से इस मुलाकात को रद्द करने और उसके बाद दोनो तरफ से जिस तरह से कूटनीतिक विवाद व भाषाओं का इस्तेमाल किया गया है उससे स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है।

सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक में भी भारत का होगा कड़ा रुख

भारत के पास पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करने के कुछ नए आंकड़े व तथ्य भी है। ऐसे में स्वराज का भाषण भी इस संदर्भ में बेहद तल्ख होगा। स्वराज इस तथ्य को सामने ला सकती हैं कि किस तरह से नई सरकार के साथ रिश्ते सुधारने की भारत की कोशिश को पाकिस्तान की आतंकी परस्ती की वजह से धक्का लगा है। इसी तरह से दक्षिण एशिया के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी यही बताया जाएगा कि किस तरह से पाकिस्तान के रवैये की वजह से सार्क की राह कठिन होती जा रही है।

वैसे इस बात में भी कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान का रवैया कुछ अलग होगा। पुराने अनुभव भी कुछ ऐसे ही है। पिछले साल भी दोनो देशों ने यूएन के मंच से एक दूसरे के खिलाफ खूब कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया था।

पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम शाहिद खकान अब्बासी ने अपने भाषण में कश्मीर को जम कर उठाया था तो स्वराज ने उन्हें सीख दी थी कि किस तरह से आतंक की राह पर चलने की वजह से पाकिस्तान पिछड़ता जा रहा है।


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