Move to Jagran APP

चाबहार पोर्ट का नियंत्रण भारत के हाथ, मिलेंगे कई फायदे

बंदरगाह ईरान में समुद्र के दक्षिणी तट पर स्थित है जो पाकिस्तान और अफगानिस्तान के काफी करीब है।

By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 09:27 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jan 2019 09:27 PM (IST)
चाबहार पोर्ट का नियंत्रण भारत के हाथ, मिलेंगे कई फायदे
चाबहार पोर्ट का नियंत्रण भारत के हाथ, मिलेंगे कई फायदे

नई दिल्ली, प्रेट्र। ईरान के रणनीतिक महत्व वाले चाबहार बंदरगाह के कामकाज का नियंत्रण भारत के हाथ में आ गया है। पहली बार किसी विदेशी बंदरगाह को संचालित करने की जिम्मेदारी भारत ने संभाली है। यह बंदरगाह ईरान में समुद्र के दक्षिणी तट पर स्थित है जो पाकिस्तान और अफगानिस्तान के काफी करीब है। इससे भारत की मध्य-पूर्व देशों से भी दूरी बहुत कम हो जाएगी। सोमवार को यह जानकारी जहाजरानी मंत्रालय ने एक बयान जारी कर दी।

loksabha election banner

सरकार ने बताया है कि 24 दिसंबर को हुए त्रिपक्षीय समझौते के तहत शाहिद बेहिश्ती पोर्ट, चाबहार के एक हिस्से के कामकाज को संचालित करने की जिम्मेदारी संभाली है। समझौते के बाद भारतीय, ईरानी और अफगान प्रतिनिधिमंडलों ने संयुक्त रूप से भारतीय कार्यालय इंडियन एसपीवी का उद्घाटन किया। 29 दिसंबर को वास्तविक रूप में टर्मिनल एरिया, कार्गो हैंडलिंग इक्विपमेंट और ऑफिस बिल्डिंग भारतीय कर्मियों के नियंत्रण में आ गए। 30 दिसंबर को 72,458 मीट्रिक टन खाद्यान्न लेकर साइप्रस का जहाज बंदरगाह पर पहुंचा और भारतीय कर्मियों ने उसका माल उतारा। इसी के साथ भारत ने सहयोग के नए काल में प्रवेश किया। इस बंदरगाह के जरिये भारत जमीनी सीमाओं से घिरे अफगानिस्तान की बेहतर तरीके से मदद कर पाएगा।

चाबहार को लेकर भारत की ईरान से बातचीत सन 2003 में शुरू हुई लेकिन 2014 के आखिर में इसे महत्वपूर्ण सफलता मिली। उस समय दोनों देशों ने चाबहार बंदरगाह को विकसित करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह कार्य मई 2015 में पूरा करना था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तेहरान यात्रा के दौरान 23 मई, 2016 को दोनों देशों के बीच एक और समझौता हुआ जिसके चलते बंदरगाह का कामकाज दस साल के लिए भारत के हाथ में रहना है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी की फरवरी 2018 में भारत यात्रा के दौरान बंदरगाह के विकास के कुछ और समझौतों पर फिर से दस्तखत हुए। भारत ने इस बंदरगाह के विकास पर 85.21 मिलियन डॉलर (592 करोड़ रुपये) खर्च किए हैं।

ईरान के तेल-गैस संपन्न सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित चाबहार बंदरगाह की पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से दूरी महज 80 किलोमीटर दूरी है। ग्वादर पोर्ट पर चीन का नियंत्रण है और इसके जरिये वह मध्य एशिया के करीब पहुंचता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.